बिहार

RLSP ने JDU के साथ विलय की योजना से किया इनकार

पटनाः जनता दल (यु) (JDU) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के बीच विलय की चर्चा के बीच, आरएलएसपी ने निकट भविष्य में ऐसी किसी भी योजना का जोरदार खंडन किया है। आरएलएसपी के राष्ट्रीय महासचिव राहुल कुमार (Rahul Kumar) ने पार्टी की ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया। संभावित जेडी (यू) -आरएलएसपी विलय […]

पटनाः जनता दल (यु) (JDU) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के बीच विलय की चर्चा के बीच, आरएलएसपी ने निकट भविष्य में ऐसी किसी भी योजना का जोरदार खंडन किया है। आरएलएसपी के राष्ट्रीय महासचिव राहुल कुमार (Rahul Kumar) ने पार्टी की ऐसी किसी भी योजना से इनकार किया।

संभावित जेडी (यू) -आरएलएसपी विलय के बारे में पूछे जाने पर राहुल कुमार ने कहा, ‘‘जेडी (यू) -आरएलएसपी विलय के संबंध में सभी मीडिया रिपोर्टें केवल अटकलें हैं। आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की थी। कुशवाहा ने कहा कि वह पटना जनता के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए गए थे, क्योंकि वह राज्य के मुख्यमंत्री हैं। यह एक शिष्टाचार बैठक थी और मीडिया ने इसका कुछ और ही मतलब निकाल लिया।’’

राहुल कुमार ने कहा, ‘‘आरएलएसपी इस मिशन के प्रति उनकी उत्सुकता का कारण असंभव है। वास्तव में, शाहाबाद और मगध क्षेत्र में, जेडी (यू) और बीजेपी को लगभग 30 सीटों (हालिया बिहार चुनाव के पहले चरण में) में हार मिली, जो उनका गढ़ था। कहा जा रहा था कि इस नुकसान का श्रेय लोक जन शक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान को है, लेकिन वास्तविक रूप में यह कुशवाहा वोट थे जो जेडी (यू) से आरएलएसपी और किसी भी अन्य पार्टी में स्थानांतरित हो गए, जो जेडीयू और महागठबंधन के उम्मीदवार को हराने का कारण बने।’’

आरएलएसपी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि नीतीश कुमार अपने वोट बैंक को मजबूत करने के सभी संभावित तरीकों को देख रहे हैं, खासकर बिहार चुनाव परिणामों के बाद जिसने जेडी (यू) को एनडीए में जूनियर पार्टनर बना दिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपने सामान्य लव-कुश संयोजन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि उपेंद्र कुशवाहा के जद (यू) में होने पर उन्हें अच्छा लगा था। कुशवाहा के बाहर निकलने के बाद, कुशवाहों ने नीतीश कुमार को छोड़ दिया है और यही कारण है कि जदयू नेता विलय के लिए इतने मुखर हैं।

नीतीश कुमार और एनडीए छोड़ने के बाद उपेंद्र कुशवाहा को जो मिला, राहुल ने कहा, ‘‘एक पार्टी की स्थापना और किसी के सार्वजनिक आधार को मजबूत करने में निश्चित रूप से समय लगता है और आरएलएसपी उस पर काम कर रहा है। चूंकि, बिहार चुनाव खत्म हो चुके हैं और पास में कोई चुनाव नहीं है। भविष्य में, आरएलएसपी इस समय का उपयोग किसानों के विरोध जैसे राष्ट्रीय हित के मुद्दों को उजागर करके अपने मूल मतदाताओं तक पहुंचने के लिए करेगा।’’

(एजेंसियों के इनपुट्स के साथ)

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