नई दिल्लीः भारत में कोरोना वायरस विस्फोट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख वैज्ञानिक ने शनिवार को कहा कि भारत में फैलने वाला कोविड-19 वैरिएंट अधिक संक्रामक है और टीके से इसका बचाव हो सकता है। एएफपी के साथ एक साक्षात्कार में, सौम्या स्वामीनाथन ने चेतावनी देते हुए भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के पीछे कई वजहें बताईं। स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में अचानक से कोरोना विस्फोट के पीछे की वजह कोरोना वायरस का नया वेरिएंट है, जो बहुत ही ज्यादा संक्रामक और जानलेवा है। साथ ही उन्होंने टीकाकरण की धीमी रफ्तार को भी वजह माना है।
बता दें कि भारत ने पहली बार शनिवार को केवल 24 घंटों में 4,000 से ज्यादा कोविड-19 मौतें दर्ज कीं, और 4 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार हुए। भारत सरकार ने कोरोना वायरस प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रही है, जिसने पूरी स्वास्थ्य प्रणाली को हिलाकर रख दिया है।
भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ और क्लीनिकल वैज्ञानिक, स्वामीनाथन ने कहा, कोविड-19 का बी.1.617 संस्करण, जिसे पहली बार पिछले अक्टूबर में भारत में पाया गया था, स्पष्ट रूप से भारत में तबाही का एक महत्वपूर्ण कारक है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में होने वाले मामलों और मौतों में अकस्मात वृद्धि के लिए अकेले कोरोना वायरस को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना का प्रकोप कम होने पर देश में ‘विशाल सामाजिक मिश्रण और बड़े समारोहों’ के कारण फिर से केसों में बढोत्तरी हुई। उन्होंने इसके लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य राजनेताओं द्वारा आयोजित बड़े पैमाने पर चुनावी रैलियों को आंशिक रूप से संक्रमणों में तेज वृद्धि के लिए दोषी ठहराया।
समाचार एजेंसी एएफबी को दिए इंटरव्यू में डॉ. सौम्या स्वामीनाथ ने चेताया कि भारत में आज हम जो कोरोना महामारी देख रहे हैं, यह इस बात का संकेत है कि कोरोना का यह वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत में कोरोना विस्फोट से बचने का उपाय केवल टीकाकरण अभियान है और इसमें भी तेजी लाने की जरूरत है।
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