नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने शुक्रवार को यूक्रेन युद्ध को लेकर रूसी राष्ट्रपति (Russian President) व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ युद्ध अपराध का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या पुतिन गिरफ्तार होंगे और बच्चों को निर्वासित करने के युद्ध अपराध के आरोपी रूसी राष्ट्रपति पर हेग कन्वेंशन के तहत मुकदमा चलने की संभावना है?
ICC का कहना है कि पुतिन यूक्रेन युद्ध में बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के अपराधी हैं। हालांकि, रूस ने इस वारंट को गलत बताते हुए कहा कि पुतिन ने कोई युद्ध अपराध नहीं किया है। रूस ने इस गिरफ्तारी वारंट की निंदा करते हुए उसका मजाक उड़ाया है। फैसला पर रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने तो इसकी तुलना टॉयलेट पेपर तक से कर दी। वहीं, रूसी प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि ICC के फैसलों से रूस का कोई लेना देना नहीं है।
ICC के वारंट के बाद ये सवाल सभी के दिमाग में है कि क्या पुतिन को अब गिरफ्तार किया जा सकता है? ICC के अभियोजक करीम खान ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ICC किसी भी नेता या व्यक्ति को गलत पाते हुए दोषी तो ठहरा सकता है, लेकिन उसे गिरफ्तार करना उसके लिए आसान नहीं है, क्योंकि ICC के पास कोई पुलिस बल नहीं है।
ICC को पुतिन को गिरफ्तार करने में आने वाली सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि अमेरिका और चीन की तरह रूस भी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय का हिस्सा नहीं है। ICC पुतिन को दोषी तो ठहरा पाया, क्योंकि यूक्रेन ने उसके अधिकार क्षेत्र को स्वीकार कर लिया है, हालांकि यूक्रेन भी ICC का सदस्य नहीं है। दूसरा, रूस 2016 में ICC संधि से निकल गया था और उसने इस वारंट को बेबुनियाद बताया है। रूस ने कहा कि पुतिन के खिलाफ ये निर्णय महत्वहीन है। रूस ने कहा कि हमारे ऊपर अंतरराष्ट्रीय कानून लागू नहीं है और हम इस वारंट को शून्य मानते हैं।
पुतिन को गिरफ्तार करने के लिए ICC के पास अब दो और काफी मुश्किल रास्ते हैं। दरअसल, ICC के पास पुलिस बल न होने के कारण वह अब अपने सदस्य देशों पर ही निर्भर है। अब ICC या तो पुतिन का प्रत्यर्पण करा सकता है या तो रूस से बाहर किसी दूसरे देश में पुतिन को गिरफ्तार कर सकता है। रूसी राष्ट्रपति पर इस वारंट का एक असर ये हो सकता है कि ICC अपने 123 सदस्य देशों से उनको गिरफ्तार करने को कहे।
इसके चलते पुतिन के विदेशी दौरों पर असर हो सकता है। हालांकि, अभियोजक करीम खान ने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि ICC के सदस्य देश उसके दबाव में एकदम आ जाए। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई लोगों के खिलाफ वारंट जारी हुआ है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।