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Kabul Airport: अफगान महिलाओं की लाचारी देख सेना के जवानों की आंखें हुईं नम, फूट-फूटकर रोये

नई दिल्लीः तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) में भगदड़ मची हुई है। बड़ी संख्या में लोग अफगान एयरपोर्ट (Afghan Airport) पर इस उम्मीद में पहुंच रहे हैं कि कोई उन्हें देश से बाहर ले जाएगा। काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के बाहर महिलाओं और बच्चों समेत हजारों लोग मौजूद हैं। हर तरफ चीख-पुकार […]

नई दिल्लीः तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) में भगदड़ मची हुई है। बड़ी संख्या में लोग अफगान एयरपोर्ट (Afghan Airport) पर इस उम्मीद में पहुंच रहे हैं कि कोई उन्हें देश से बाहर ले जाएगा। काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के बाहर महिलाओं और बच्चों समेत हजारों लोग मौजूद हैं। हर तरफ चीख-पुकार मची है। अफगान महिलाएं रोते-बिलखते हुए अमेरिकी (America) और ब्रिटिश सैनिकों (British Soldier) से अपनी जान बचाने की गुहार लगा रही हैं। इतना दर्दनाक नज़ारा देखकर जवानों की आंखें भी नम हो गई और आंसू रूकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।

अफगान महिलाएं रो-रोकर सैनिकों से लगा रहीं गुहार
‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर फिलहाल अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिकों का कब्जा है, जबकि तालिबान बाहर तैनात हैं। अफगानिस्तान छोड़ने की उम्मीद में एयरपोर्ट पहुंच रही महिलाओं की हालत सबसे ज्यादा खराब है। वे अपनी जान बचाने के लिए सैनिकों से मदद की गुहार लगा रही हैं, लेकिन सैनिकों के लिए हर व्यक्ति की मदद करना संभव नहीं है। इस लाचारी से सैनिक भी दुखी हैं और उनका दुख आँसुओं के रूप में निकल रहा है।

सैनिकों की आंखों में छलक पड़े आंसू
अफगान महिलाओं को भी अपनी रक्षा के लिए अपने बच्चों को दूसरों को सौंपने के लिए मजबूर किया गया है। एयरपोर्ट के गेट पर लगे कंटीले तार के ऊपर से जवानों पर महिलाएं बच्चों को फेंक रही हैं। बुधवार को एक महिला ने अपनी नन्ही बच्ची को तार के ऊपर फेंका तो दूसरी तरफ खड़े एक अंग्रेज सिपाही ने उसे पकड़ लिया। मां की इस लाचारी को देखकर सिपाही की आंखों में भी आंसू आ गए।

डरी महिला ने बच्चा फेंका
एक ब्रिटिश अधिकारी ने बताया कि महिलाएं इस कदर डरी हुई हैं कि वे अपने बच्चों को ब्रिटिश और अमेरिकी सैनिकों की ओर कंटीले तार के ऊपर फेंक रही हैं, ताकि उनकी जान बचाई जा सके। भीड़ में एक महिला जोर से चिल्लाई ‘मेरे बच्चे को बचाओ’ और फिर उसे हमारी ओर उछाल दिया। सौभाग्य से, हमारे सैनिक ने अंतिम समय में बच्चे को पकड़ लिया और उसकी जान बच गई।

हर कोई सैनिकों की मदद करना चाहता है
अधिकारी के मुताबिक ऐसा एक भी इंसान नहीं है जो इस दुख, बेबसी और डर को देखकर न रोया हो। एयरपोर्ट पर तैनात जवानों की आंखें नम हैं, वे सबकी मदद करना चाहते हैं, लेकिन उनके बस में नहीं है। एयरपोर्ट पर रोते हुए एक अमेरिकी सैनिक को जब एक महिला ने अपना बच्चा दिया तो वह लेने से मना नहीं कर पाया। काबुल एयरपोर्ट पर फिलहाल करीब 800 ब्रिटिश और 5000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। अपने-अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के बाद सभी यहां से वापस चले जाएंगे। हालांकि जो बेबसी और दर्द उसने देखा है उसे शायद ही वो कभी भूल पाएगा।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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