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Nuclear Power बनने की राह पर Japan

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अपनी सरकार को सुरक्षित और छोटा परमाणु रिएक्टर विकसित करने पर विचार करने के निर्देश दिये हैं, जो देश में कई संयंत्रों के बंद होने के सालों बाद परमाणु ऊर्जा पर नए सिरे से जोर देने का संकेत है।

नई दिल्ली: फुकुशिमा त्रासदी (Fukushima Tragedy) से गुजर चुका जापान एक बार फिर अपने बंद पड़े परमाणु प्लांटों (Nuclear Plant) और न्यू जनरेशन रिएक्टर को शुरू करने जा रहा है। प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) ने इस बात की जानकारी दी है किशिदा ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) और बढ़ती ऊर्जा लागत ने जनता की राय को बदल दिया है।

जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार को सुरक्षित और छोटा परमाणु रिएक्टर विकसित करने पर विचार करने के निर्देश दिये हैं, जो देश में कई संयंत्रों के बंद होने के सालों बाद परमाणु ऊर्जा पर नए सिरे से जोर देने का संकेत है।

किशिदा ने ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के लिए देश के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित ‘हरित परिवर्तन’ सम्मेलन में यह टिप्पणी की। जापान ने वर्ष 2050 तक कार्बन तटस्थता का लक्ष्य हासिल करने का संकल्प लिया है।

दरअसल, साल 2011 के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र आपदा के बाद जापान में परमाणु-विरोधी भावना और सुरक्षा चिंताओं में तेजी से वृद्धि हुई। लेकिन यूक्रेन पर रूस के हमले बाद उर्जा की किल्लत और ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के वैश्विक दबाव के बीच सरकार परमाणु ऊर्जा (Nuclear Power) की वापसी पर जोर दे रही है।

ऊर्जा संकट से निपटने के लिए जापान सरकार पहले ही सर्दियों तक नौ रिएक्टर को फिर से शुरू करने की योजना की घोषणा कर चुकी है। हालांकि, सरकार ने पहले जोर देकर कहा था कि वह नये संयंत्र बनाने या पुराने रिएक्टर को बदलने पर विचार नहीं कर रही है। बता दें कि फुकुशिमा दुर्घटना के बाद कड़े मानकों के तहत सुरक्षा जांच के लिए जापान के अधिकतर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बंद कर दिया गया था।