नई दिल्लीः अफगानिस्तान (Afghanistan) में खराब होते हालात के बीच, भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से कहा कि वैश्विक समुदाय को उन देशों के पाखंड का विरोध करना चाहिए जो आतंकवादियों की रक्षा करते हैं। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान (Pakistan) और चीन (China) को जमकर लताड़ा। भारत ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन बेखौफ अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं और उन्हें इसके लिए उन्हें शह भी मिल रही है। उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा कि ऐसी दोहरी बातें करने वालों को उजागर करना होगा, जो ऐसे लोगों को सुविधाएं देते हैं, जिनके हाथ मासूमों के खून से रंगे होते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद को किसी भी रूप में न्यायोचित नहीं ठहराएं और ना ही आतंकवाद का महिमामंडन करें क्योंकि आतंकवादी तो आतंकवादी है, ऐसे में उसका भेद अपने जोखिम पर करें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए, इसे किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद मसूद अजहर के प्रमुख को नामित करने के लिए अन्य देशों द्वारा बार-बार तकनीकी रोक लगाने के लिए चीन को भी घेरा।
संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया, जब चीन ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत उसे ब्लैकलिस्ट करने के प्रस्ताव पर पीछे हट गया। भारत ने पहली बार स्थानांतरित होने के 10 साल बाद, हथियार प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज और उस पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया। उन्हें यूएन में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था।
जयशंकर ने कहा कि आईएसआईएल-खोरासन भारत के पड़ोस में अपनी ताकत बढ़ाते हुए पैर पसार रहा है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने परिषद को बताया कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएल) या आईएसआईएस द्वारा गतिविधयों को अंजाम देने के तौर-तरीकों में बदलाव आया है, जिसमें मुख्य रूप से सीरिया और इराक में पकड़ मजबूत करना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘यह उभार बेहद खतरनाक है और आईएसआईएल और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे सामूहिक प्रयासों के लिए चुनौतियों को बढ़ाता है।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘आईएसआईएस’ का वित्तीय संसाधन जुटाना और अधिक मजबूत हुआ है, हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है। भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। व्यवस्थित ऑनलाइन प्रचार अभियानों के जरिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल करना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
बैठक के बाद परिषद के अध्यक्ष के तौर पर मीडिया को जारी बयान में जयशंकर ने कहा कि यूएनएससी के सदस्यों ने आतंकवाद के सभी रूपों एवं अभिव्यक्तियों को कतई बर्दाश्त नहीं करने के दृष्टिकोण का एक स्वर में समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सदस्यों ने आईएसआईएल द्वारा उत्पन्न खतरों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कानूनी, सुरक्षा, वित्त पोषण और अन्य ढांचे को मजबूत करने के लिए की गई प्रगति के बावजूद, आतंकवादी लगातार आतंकी घटनाओं को प्रेरित करने, संसाधन देने और क्रियान्वित करने के लिए नित नये तरीके खोज रहे हैं।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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