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कोरोना के ‘Omicron’ वेरिएंट ने दुनिया में मचाया हड़कंप, 25 देशों में दी दस्तक

नई दिल्लीः दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले कोरोना वायरस के नए संस्करण ओमिक्रॉन ने दुनिया भर के देशों की चिंता बढ़ा दी है। भारत ने कोरोना के इस खतरनाक स्वरूप को देखते हुए 12 देशों के यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर जांच करना अनिवार्य कर दिया है, वहीं अमेरिका ने 8 दक्षिण अफ्रीकी देशों […]

नई दिल्लीः दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले कोरोना वायरस के नए संस्करण ओमिक्रॉन ने दुनिया भर के देशों की चिंता बढ़ा दी है। भारत ने कोरोना के इस खतरनाक स्वरूप को देखते हुए 12 देशों के यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर जांच करना अनिवार्य कर दिया है, वहीं अमेरिका ने 8 दक्षिण अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर रोक लगा दी है। इस बीच, नेपाल ने भी दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों के लिए सात दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया है। 

आपको बता दें कि पिछले महीने दक्षिणी अफ्रीका में खोजा गया कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट अब 25 देशों में फैल चुका है। दरअसल कोविड के नए स्ट्रेन ने अब अमेरिका और यूएई में भी दस्तक दे दी है। व्हाइट हाउस ने बुधवार को नए स्ट्रेन के बारे में जानकारी देते हुए अमेरिका और यूएई में एक-एक ओमिक्रोन के मामले सामने आने की पुष्टि की है। इस मामले के साथ ही कोरोना वायरस का यह वैरिएंट अब तक 25 देशों में फैल गया है। 

कोरोना वायरस के नए संस्करण के सामने आने के बाद से दुनिया के विभिन्न देश दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा प्रतिबंध लगा रहे हैं, ताकि नए रूप के प्रसार को रोका जा सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, ईरान, जापान, थाईलैंड, अमेरिका, यूरोपीय संघ के देशों और ब्रिटेन समेत कई देशों ने दक्षिण अफ्रीकी देशों से यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

विमान संचालन बंद होने के बावजूद इस तरह के सबूत हैं कि यह वायरस फैल रहा है। बेल्जियम, इज़राइल और हांगकांग के यात्रियों में नए मामले सामने आए हैं। जर्मनी में भी एक मामला सामने आया है। दक्षिण अफ्रीका से आने वाले दो विमानों में 61 यात्रियों के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद हॉलैंड में अधिकारी रिडिजाइन की जांच कर रहे हैं।

कोरोना से 50 लाख से ज्यादा मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि ओमाइक्रोन के वास्तविक खतरों को अभी तक समझा नहीं गया है, लेकिन प्रारंभिक साक्ष्य बताते हैं कि पुनः संक्रमण का जोखिम अन्य अत्यधिक संक्रामक रूपों की तुलना में अधिक है। इसका मतलब यह हुआ कि जो लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं और इससे उबर चुके हैं, वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, यह जानने में हफ्तों लगेंगे कि क्या मौजूदा टीके इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं। डब्ल्यूएचओ सहित चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस पैटर्न का विस्तार से अध्ययन करने से पहले इस वायरस के खिलाफ आगाह किया है, लेकिन दुनिया भर में इस वायरस के 5 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेने के बाद लोग डरे हुए हैं।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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