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दूसरी धरती की तलाश में जुटा चीन, वैज्ञानिक तेजी से कर रहे काम

चीन की अंतरिक्ष (Space) में और अधिक गहराई तक जाने की योजना है। इसी कड़ी में चीन अब एक वैकल्पिक धरती यानी अर्थ 2.0 (Earth 2.0) पर काम कर रहा है। चीन की योजना सौर मंडल से परे एक्सोप्लैनेट की तलाश करने की है। इस असाइनमेंट का मुख्य लक्ष्य मिल्की वे आकाशगंगा (Galaxy) में रहने योग्य क्षेत्र में एक दुनिया को खोजना है। इसे धरती 2.0 मिशन कहा जा रहा है।

नई दिल्ली:  एक बड़ी खबर सामने आई है कि चीन (China) एक दूसरी धरती (another earth) पर भी काम कर रहा है। इसके लिए बकायदा प्लान बनाकर चीनी वैज्ञानिक (Chinese scientist) उसपर तेजी से काम कर रहे हैं।

चीन की अंतरिक्ष (Space) में और अधिक गहराई तक जाने की योजना है। इसी कड़ी में चीन अब एक वैकल्पिक धरती यानी अर्थ 2.0 (Earth 2.0) पर काम कर रहा है। चीन की योजना सौर मंडल से परे एक्सोप्लैनेट की तलाश करने की है। इस असाइनमेंट का मुख्य लक्ष्य मिल्की वे आकाशगंगा (Galaxy) में रहने योग्य क्षेत्र में एक दुनिया को खोजना है। इसे धरती 2.0 मिशन कहा जा रहा है।

इस बारे में ‘नेचर’ ने एक रिपोर्ट में विस्तृत जानकारी दी है। इस प्लान के बारे में चीनी विज्ञान अकादमी द्वारा संकल्पना की गई है, जो प्रारंभिक डिजाइन के चरण में है। विशेषज्ञों की एक टीम इस प्रस्तावित मिशन पर काम कर रही है। इसका पूरा आइडिया इसी अकादमी की है। अगर सरकार से अनुमति मिली तो इस मिशन के लिए डेवलपमेंट फेज की शुरुआत की जाएगी।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन को लगता है कि अगले कुछ दशकों में धरती की हालत खराब होने वाली है, ऐसे में वो अपने लोगों को दूसरी धरती पर पहुंचाने की प्लानिंग कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन सात टेलिस्कोप की मदद से सौर मंडल के बाहर दूसरी धरती की खोज करेगा। इन टेलिस्कोप के जरिए वह वैसे ग्रहों की खोज करेगा, जैसा कि केपलर मिशन ने खोजा था।

चीन की इस टीम में शामिल प्रमुख एस्ट्रोनॉमर जिया कहते हैं कि केपलर की ताकत कम थी। हमारे पास उसका अच्छा डेटा मौजूद है। उन्होंने कहा कि यह सैटेलाइट नासा के केपलर टेलिस्कोप से 1015 गुना ज्यादा ताकतवर होगा। स्पेसक्राफ्ट ट्रांजिट मेथड के जरिए काम करेगा, वह रोशनी में होने वाले छोटे से छोटे परिवर्तन को भी पकड़ लेगा।