नई दिल्लीः जो बिडेन ने बुधवार को संयुक्त राज्य अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। बता दें कि बिडेन ने ऐसे समय में शपथ ली है, जब अमेरिकी को विभाजित करने की साजिश चल रही थी और पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के समर्थकों ने जॉर्जिया से न्यू मैक्सिको तक के राजकीय परिसर के बाहर हिंसा की, जिसमें कई जानें चली गईं। अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बिडेन ने सत्ता संभालते ही अपना एजेंडा लागू करना शुरू कर दिया है। बिडेन ने अपने कार्यालय आते ही पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों को पलट दिया है। इसी बीच बिडेन ने प्रवासियों को राहत देने वाले एक कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किया है। इस आदेश से 1.1 करोड़ ऐसे प्रवासियों को फायदा होगा जिनके पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है। इसमें करीब 5 लाख भारतीय शामिल हैं।
जो बिडेन ने जबरदस्त उथल-पुथल और विभाजन के समय में कार्यभार संभाला, जो उनके पूर्ववर्ती ट्रम्प और उनके समर्थकों, साथ ही कोरोनो वायरस महामारी से भी प्रभावित थे। इसने 4,00,000 से अधिक अमेरिकियों के जीवन को प्रभावित किया।
बिडेन ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, ‘‘यह अमेरिका का दिन है। यह लोकतंत्र दिन है। आज हम जीत का जश्न मना रहे हैं। लोकतंत्र का कारण लोगों की इच्छा को सुना गया और लोगों की इच्छा को ध्यान में रखा गया है।’’ बिडेन ने देश को याद दिलाया गया है कि ‘‘लोकतंत्र कीमती है, लोकतंत्र नाजुक है और मेरे दोस्तों, इस समय लोकतंत्र कायम रहा। ”
अमेरिका के राष्ट्रपति ने शपथ लेने के बाद सबसे पहले आव्रजन प्रणाली को पूरी तरह से बदलने की शुरुआत की। उन्होंने अपने आदेशों के तहत कई ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जो ट्रंप की विवादास्पद आव्रजन नीतियों को बदलने वाले हैं। जो बाइडन ने अमेरिकी कांग्रेस से अनुरोध किया है कि वह 1.1 करोड़ अवैध प्रवासियों को स्थायी दर्जा और उन्हें नागरिकता का रास्ता तय करने के लिए कानून बनाए। एक अनुमान के मुताबिक इसमें करीब 5 लाख लोग भारतीय मूल के लोग हैं जिनके पास कानूनी दस्तावेज नहीं है।
बिडेन ने सत्ता संभालने से पहले कहा था कि वह इस ‘नुकसान की भरपाई करेंगे।’ इस विधेयक के तहत एक जनवरी 2021 तक अमेरिका में किसी कानूनी दर्जे के बिना रह रहे लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी और यदि वे कर जमा करते हैं और अन्य बुनियादी अनिवार्यताएं पूरी करते हैं, तो उनके लिए पांच साल के अस्थायी कानूनी दर्जे का मार्ग प्रशस्त होगा या उन्हें ग्रीन कार्ड मिल जाएगा। इसके बाद उन्हें तीन और साल के लिए नागरिकता मिल सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति बिडेन ने ट्रंप के फैसले को पलटते हुए मुस्लिमों पर से बैन हटा लिया है। वर्ष 2017 में ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों पर यह बैन लगाया था। बाइडेन ने इन देशों के लोगों के लिए वीजा प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि ये प्रयास किए जाएं कि जिन लोगों को इससे नुकसान हुआ है, उनकी भरपाई की जा सके। बाइडेन ने मेक्सिको की सीमा पर बनने वाली दीवार को भी रोकने का आदेश दिया। उधर, प्रवासियों का समर्थन करने वाले गुटों ने बाइडेन के इस आदेश की जमकर प्रशंसा की है।
(With agency input)
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