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नए साल पर ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ में भारत की नई शुरुआत

नई दिल्लीः भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में शुक्रवार से अपना दो साल का कार्यकाल शुरू कर रहा है। भारत 1 जनवरी से एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बनने के लिए तैयार है। साल 2020 भारत के लिए चुनौतियों भरा रहा है। एक तरफ […]

नई दिल्लीः भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में शुक्रवार से अपना दो साल का कार्यकाल शुरू कर रहा है। भारत 1 जनवरी से एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बनने के लिए तैयार है। साल 2020 भारत के लिए चुनौतियों भरा रहा है। एक तरफ चीन के साथ सीमा पर ठनी हुई है और दूसरी तरफ पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन यूएनएससी में कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान के साथ खड़ा है और चीन का यूएनएससी में वर्चस्व रहा है। ऐसे में यूएनएससी में ये 2 साल भारत के लिए अहम साबित हो सकते हैं। भारत अगस्त में यूएनएससी की अध्यक्षता भी करेगा।

UNSC में भारत की प्राथमिकताओं से परिचित व्यक्तियों ने कहा, भारत ने आतंकवादियों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के दुरुपयोग को प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देकर, आतंकवादियों के साथ  सांठगांठ को बाधित करने और संगठित रूप से संगठित आपराधिक संस्थाओं के साथ, आतंकवाद के वित्त के प्रवाह को कम करने और मानक को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने में एक स्पष्ट स्थिति है।

ट्यूनीशिया, जो जनवरी में यूएनएससी की अध्यक्षता करेगा, ने अफ्रीकी महाद्वीप के लिए चुनौतियों पर एक खुली बहस आयोजित करने के लिए चुना है। ट्यूनीशिया भी 2001 में संकल्प 1373 को अपनाने के 20 वर्षों के स्मरण के लिए आतंकवाद के कृत्यों से अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों पर एक बहस का आयोजन कर रहा है। भारत ट्यूनीशियाई एजेंडे को वापस करेगा।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में, भारत को एक बहुपक्षीय प्रणाली के लिए पांच प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित किया जाएगा। वे प्रगति के नए अवसर हैं, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर प्रभावी प्रतिक्रिया, बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा और मानवीय स्पर्श के लिए व्यापक दृष्टिकोण।

भारत संयुक्त राष्ट्र में शांति सेना के सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है और यह दुनिया भर में शांति व्यवस्था में सुधार के लिए आईसीटी में अपनी ताकत का लाभ उठाने की कोशिश करेगा।

भारत के लिए अहम मुद्दे
भारत की अस्थाई सदस्यता के कारण सीमा पार आतंकवाद, आतंकवाद को फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, कश्मीर जैसे मुद्दों पर भारत की स्थिति मजबूत होगी। परिषद में भारत नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मेक्सिको के अलावा पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका और अस्थायी सदस्यों एस्तोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट, ट्यूनीशिया और वियतनाम के साथ बैठेगा। भारत अगस्त 2021 में 15 देशों वाली शक्तिशाली परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाएगा। हर सदस्य देश बारी-बारी से एक माह के लिए परिषद की अध्यक्षता करता है।

क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से एक है। इसका मुख्य कार्य दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। यह परिषद दुनियाभर के देशो में शांति मिशन भी भेजता है और अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।

(इनपुट्सर: इकनॉमिक टाइम्स/नवभारत टाइम्स)

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