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Indian Air Force Day 2021: आज है भारतीय वायुसेना का 89वां स्थापना दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्त्व

नई दिल्लीः भारतीय वायु सेना आज अपना 89वां स्थापना दिवस मना रही है। भारतीय वायु सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेना में से एक है। वायु सेना ने अपनी वीरता और पराक्रम से भारत को कई बार गौरवान्वित किया है। वायु क्षेत्र की रक्षा करने और विपरीत परिस्थितियों में स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी […]

नई दिल्लीः भारतीय वायु सेना आज अपना 89वां स्थापना दिवस मना रही है। भारतीय वायु सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेना में से एक है। वायु सेना ने अपनी वीरता और पराक्रम से भारत को कई बार गौरवान्वित किया है। वायु क्षेत्र की रक्षा करने और विपरीत परिस्थितियों में स्थिति को संभालने की जिम्मेदारी भी भारतीय वायु सेना के वीरों पर है। वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। देश के स्वतंत्र होने से पहले वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स (RIAF) कहा जाता था। स्वतंत्रता के बाद, ‘रॉयल’ शब्द को वायु सेना के नाम से हटाकर ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) कर दिया गया।

वायुसेना दिवस के मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर शानदार परेड और भव्य एयर शो का आयोजन होता है। यहां पर देश के पुराने और अत्याधुनिक विमान से भारतीय वायुसेना के जवान अदभुत कारनामे दिखाकर शौर्य का परिचय देते हैं। हर साल की तरह इस बार भी हिंडन बेस पर वायुसेना के विमान हवा में आश्चर्यजनक करतब दिखायेंगे। हजारों की संख्या में लोग वायु सेना दिवस पर इन करतबों को देखने आते हैं। आइये जानते हैं भारतीय वायुसेना दिवस के इतिहास और महत्त्व के बारे मेंः-

क्या है इतिहास और महत्त्व
8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन, भारत में वायु सेना को आधिकारिक तौर पर यूनाइटेड किंगडम के रॉयल एयर फोर्स की सहायता के लिए बनाया गया था। अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना, जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 सिपाहियों को शामिल किया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने के बाद, भारत में वायु सेना को 1940 के दशक के मध्य में रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाने लगा। भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी। आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से ‘रॉयल’ शब्द को हटाकर सिर्फ ‘इंडियन एयरफोर्स’ कर दिया गया था। 1933 में छह अधिकारियों और 19 हवाई सैनिकों से शुरू हुई ये वायु सेना अब दुनिया में चौथी सबसे बड़ी एयरफोर्स है। 2005-06 तक कई दशकों तक, वायु सेना दिवस के मुख्य कार्यक्रम, परेड और फ्लाईपास्ट पालम हवाइ अड्डे से किया जाता था। लेकिन बढ़ते हवाई यातायात के के कारण, इसे गाजियाबाद के हिंडन एयर फोर्स बेस में स्थानांतरित कर दिया गया।

वायु सेना दिवस की घटनाएं और परंपराएं
हिंडन एयर फोर्स बेस में मुख्य कार्यक्रम में पुरुषों और महिलाओं के वायु योद्धाओं द्वारा परेड शामिल है। इसमें एक प्रतिष्ठा समारोह भी होता है जहां पदक प्राप्त करने वालों की वर्दी पर वायु सेना प्रमुख (सीएएस) द्वारा पदक लगाए जाते हैं। हर साल, टेलीविजन के अलावा, इस समारोह में बड़ी संख्या में सेवारत और सेवानिवृत्त, वायु योद्धा और उनके परिवार और नागरिक भी शामिल होते हैं। दिन के समारोहों में पारंपरिक रूप से ब्।ै द्वारा आयोजित रिसेप्शन किया जाता है, जिसमें सरकार के शीर्ष नेता और ब्रास शामिल होते हैं। 

सभी एयरक्रॉफ्ट और हेलीकॉप्टर हुए शामिल
फ्लाईपास्ट में एयरोबेटिक्स डिस्प्ले के साथ-साथ विभिन्न फिक्स्ड विंग एयरक्रॉफ्ट और हेलीकॉप्टर का प्रदर्शन होता है। मंगलवार को इस कार्यक्रम का फाइनल पूर्वाभ्यास किया गया था। इस साल, तेजस एलसीए, मिग-29 और 21 और सुखोई-30 के साथ नए शामिल राफेल जेट शो में शामिल हुए। इसमें Mi17V5, MI-35, ALH रुद्र, चिनूक और अपाचे और परिवहन विमान जैसे सी-17 ग्लोबमास्टर, सी-130, आईएल-76 गजराज जैसे हेलीकॉप्टर भी शामिल हुए। सूर्यकिरण फिक्स्ड विंग एयरोबैटिक टीम और सारंग हेलीकॉप्टर एयरोबैटिक टीम भी प्रमुख आकर्षण थे।

आजादी से पहले थी आर्मी
आजादी से पहले वायु सेना आर्मी के तहत ही काम करती थी। एयर फोर्स को आर्मी से ‘आजाद’ करने का श्रेय भारतीय वायु सेना के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था। वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर बने रहे थे।  

गीता से लिया गया है आदर्श वाक्य 
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभरू स्पृशं दीप्तम’। यह गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।

वायुसेना ध्वज
वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से अलग, नीले रंग का है जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात् केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायु सेना दिवस की बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे बहादुर योद्धाओं और उनके परिवारों को बधाई। भारतीय वायु सेना साहस, परिश्रम और व्यावसायिकता का पर्याय है। उन्होंने मानवीय भावना और चुनौतियों के समय राष्ट्र की रक्षा के माध्यम से खुद को स्थापित किया है।’’

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