आज हिंदुओ का प्रमुख पर्व दिवाली का त्योहार है। इस पर्व में लोग अपने-अपने घरों को दीयों की रोशनी से सजाते हैं। मान्यता है कि प्रभु राम लंका पर विजय प्राप्ति के बाद कार्तिक अमावस्या तिथि पर अयोध्या वापस आए थे जिसकी खुशी में लोग अपने-अपने घरों को दीपक से रोशन कर खुशी मनाई थी।
इसके अलावा दीपावली पर गणेश और लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। दिवाली की शाम को लोग अपने-अपने घरों में प्रदोष काल के समय मां लक्ष्मी की विशेष पूजा आराधना करते हैं। माना जाता है कि मां लक्ष्मी दिवाली की रात को सभी घरों में विचरण करती हैं और जहां साफ-सफाई और विधिवत रूप से उनकीव पूजा-आराधना होती हैं वहां पर निवास करने लगती हैं। इसी कारण से लोग दिवाली पर घरों को रोशनी से सजाते हैं। साथ ही अगर आप हनुमान जी की भी पूजा करते है तो बेहद लाभकारी होगा। क्योंकि हनुमान जी ही एकमात्र देवता है, जिन्हे सभी देवी-देवताओं और ग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिए नाना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन हनुमान जी की भी विधि पूर्वक पूजा करता है उसे सभी देवता का आशीर्वाद मिल जाता है।
दिवाली की शाम को मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए तैयारियां चलने लगती है। मुहूर्त शास्त्र में बताया गया है कि दिवाली की शाम देवी लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में करना बहुत ही शुभ और सफल होता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान जब स्थिर लग्न हो तो पूजा और भी लाभकारी सिद्ध होती है।
कार्तिक अमावस्या तिथि पर दिवाली मनाई जाती है। ऐसे में 04 नवंबर की शाम को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 06 बजकर 10 मिनट से शुरू हो जाएगा जो रात के 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त- 06:10 PM से लेकर 08:06 PM तक
लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल मुहूर्त – 05:35 PM से 08: 10 PM तक
लक्ष्मी पूजा निशिता काल मुहूर्त-11:38 PM से 12:30 AM तक
अमावस्या तिथि प्रारम्भ- नवम्बर 04, 2021 को 06:03 AM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त- नवम्बर 05, 2021 को 02:44 AM बजे
लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 06:35 AM से 07:58 AM
प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 10:42 AM से 02:49 PM
अपराह्न मुहूर्त (शुभ) – 04:11 PM से 05:34 PM
शाम का मुहूर्त (अमृत, चर) – 05:34 PM से 08:49 PM
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – 12:05 AM से 01:43 AM
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