हाँ भइया पिच्चर बिलकुल न देखिएगा । काहे से कुछ ज्ञानी औ समाजसेवी टाइप के लोग मुहिम चला रहे हैं । सोशल मीडिया में एकदम पिले पड़े हैं । खुद तो पहिले से ही जागरूक हैं देश की नासमझ जनता को भी जागरूक बना रहे हैं । बताइये आज के जमाने में बिना स्वार्थ कउनो ये सब करता है भला ।
तो भइया आमिर खान की पिच्चर आये रही है ‘लाल सिंह चड्ढा’ (Lal Singh Chaddha)। पिच्चर आये इससे पहिले लोग मुहिम छेड़ दिए ‘बॉयकॉट लाल सिंह चड्ढा’ (boycott Lal Singh Chaddha)। बताइये कितना टैलेंट भरा पड़ा है इस देश में । यकीन मानिए इसमें से आधे से ज्यादा तो चड्ढा साहब को जानते भी नहीं होंगे । हमाये पड़ोसी शर्मा जी तो केवल इसी गलतफहमी में मुहिम से जुड़ गए कि ये चड्ढा साहब उनके पड़ोसी हैं ।
कितना समय है लोगों के पास । अरे विरोध ही करना है तो आमिर खान का करो । चड्ढा साहब ने आखिर क्या बिगाड़ा है । अच्छा ये मुहिम चलाने वाले इस भ्रम में रहते हैं कि यही हर पिच्चर को हिट औ फ्लॉप करा रहे हैं । कुछ तो इसी चक्कर में बॉयकॉट कर देते हैं कि न तो ये आज तक कभी कोई पिच्चर देखने गए थे औ न आगे कभी जाने वाले हैं ।
ये मुहीम चलाने वाले अंतर्यामी टाइप के भी होते हैं । आखिर पिच्चर में क्या है क्या नहीं इससे इन्हें कोई लेना देना नहीं । लेकिन बॉयकॉट तो करना है । इनको पता ही नहीं है कि ये सब मिलके पिच्चर का बॉयकॉट नहीं बल्कि प्रचार कर रहे हैं । जो नहीं जानता था वो भी जान गया । सब पूछ रहे हैं कि आखिर ये चड्ढा साहब हैं कौन ।
कम तो खान साहब तुम भी नहीं हो । तुम्हाई बीवी को तो यहाँ डर लगता था । खैर अब क्या कहें तुम तो उसको भी छोड़ दिए । असल में इनको भी इंटेलेक्चुअल दिखने का शौक चर्राया रहता है । फिर कभी हाथ कभी गाल खुजा खुजा के अईसा बताते हैं जईसे सबसे बड़े विद्वान यही हैं । वइसे तुम हो तो मास्टरमाइंड । कहीं ये बॉयकॉट बॉयकॉट का खेला तुम ही तो नहीं रचे हो ।
बाकी तो जब पिच्चर आएगी तभी पता चलेगा कि आखिर चड्ढा साहब का हुआ क्या । तो भैया, दीदी आपको आज की झक्क पसन्द आयी हो तो हँसिये मुस्कुराइये । चलते हैं…