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Buttermilk: छाछ है धरती का अमृत, इसके उपयोग से मिलेंगे अद्भुत लाभ

आयुर्वेद में छाछ (Buttermilk) को सात्विक आहार माना गया है। दही से बनने वाला यह पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। जब भी आप भारी या मसालेदार भोजन की वजह से एसिडिटी का अनुभव करें, तो एक गिलास छाछ पी लें। पेट के लिए छाछ बहुत फायदेमंद है, खासकर गर्मियों में इससे बेहतर […]

आयुर्वेद में छाछ (Buttermilk) को सात्विक आहार माना गया है। दही से बनने वाला यह पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। जब भी आप भारी या मसालेदार भोजन की वजह से एसिडिटी का अनुभव करें, तो एक गिलास छाछ पी लें। पेट के लिए छाछ बहुत फायदेमंद है, खासकर गर्मियों में इससे बेहतर आपका मित्र और कोई नहीं हो सकता। इस लेख में हमारे साथ शरीर के लिए छाछ के फायदों के बारे में जानिए।

छाछ (Chaas) क्या है – What is Buttermilk
कई लोग छाछ को दूध और मक्खन का मिश्रण मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जब दही को मथनी से मथा जाता है, तब मक्खन अलग हो जाता है और जो बचता है वो छाछ कहलाता है। छाछ अधिकांश भारतीय घरों में पाई जाती है और दैनिक रूप से भोजन के साथ या भोजन के बाद इसका सेवन किया जाता है। छाछ बनाने के विधि में कुछ मसाले भी शामिल होते हैं, जैसे कि जीरा पाउडर, काली मिर्च, अदरक, हरी मिर्च, करी पत्ता और धनिया पत्ता। ये सभी सामग्रियां छाछ के जायके और चिकित्सकीय गुण को बढ़ा देती हैं।

प्राचीन ग्रंथों में छाछ – Buttermilk In Ancient Texts in Hindi
आयुर्वेद में छाछ का उल्लेख किया गया है, जिसका इस्तेमाल स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों के खिलाफ उपचार के लिए किया जाता है। स्वास्थ्य के लिहाज से छाछ पीने के फायदे कई हैं। यह भोजन पचाने में मदद करती है और पेट को शांत रखती है।

इसका स्वाद कुछ खट्टा होता है। छाछ का यह गुण पाचन में सुधार का काम करता है। सूजन, जलन, पाचन संबंधी विकार, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी, एनीमिया और भूख की कमी के खिलाफ छाछ एक प्राकृतिक उपचार है।

छाछ के प्रकार – Different Types Of Buttermilk
छाछ को प्राकृतिक दही से तैयार किया जाता है। फुल क्रीम दही से बनी छाछ में चीनी मिलाकर पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। यह अपनी विशेषताओं में प्राकृतिक दही के समान है।

जिस छाछ को बिना क्रीम वाली दही से तैयार किया जाता है, वह मुधमेह रोगियों और वजन से परेशान लोगों के लिए सटीक है। पानी के आधे अनुपात के साथ बनी छाछ पीने से ऊर्जा और पाचन में सुधार होता है। बिना फैट वाली छाछ थकान और पेट को ठंडा करने का काम करती है।

छाछ बनाने की विधि और इसके प्रकारों के बाद आइए अब जानते हैं स्वास्थ्य के लिए छाछ के फायदों के बारे में –

1. शामिल हैं सभी आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients)
छाछ एक संपूर्ण भोजन है। यह पोषण से भरपूर है और एक अच्छे संतुलित आहार के लिए सभी आवश्यक तत्व इसमें मिल जाते हैं। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, न्यूनतम लिपिड (फैट), विटामिन और आवश्यक एंजाइम होते हैं। दैनिक रूप से इसका सेवन किया जाना चाहिए।

छाछ में 90 प्रतिशत से अधिक पानी होता है, इसलिए इसका सेवन शरीर में जल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। आंतें इसे धीरे-धीरे एब्जॉर्ब करती हैं, क्योंकि इसकी सामग्री ज्यादातर प्रोटीन के साथ जुड़ी होती हैं। छाछ पीना किसी भी अन्य स्वाद वाले पेय या फिर सादे पानी की तुलना में बेहतर है। फर्मेंटेड छाछ का स्वाद खट्टा होता है, लेकिन जैविक रूप से मानव शरीर और कोशिकाओं के लिए बहुत पोषक भरा होता है।

2. पाचन तंत्र में सुधार (Improve digestive system)
छाछ के सेवन से मसालेदार और तीखे भोजन से पेट में होने वाली जलन से आराम मिलता है। यह भोजन के ज्वलनशील तत्वों को साफ कर देता है, जिससे पेट को आराम मिलता है। भोजन के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं। इसके स्वाद और चिकित्सकीय गुणों को बढ़ाने के लिए आप इसमें अदरक व जीरा पाउडर आदि मिला सकते हैं। छाछ शरीर की गर्मी को शांत करने का काम भी करता है। यह महिलाओं द्वारा खासतौर पर पसंद किया जाता है, क्योंकि यह रजोनिवृत्ति से पहले और बाद में शरीर की गर्मी को शांत करता है। साथ ही रजोनिवृत्ति से पीड़ित महिलाओं के कई लक्षणों को छाछ कम करने का काम करता है। अचानक गर्मी (हॉट फ्लैश) लगने जैसी समस्या से पीड़ित लोग छाछ को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकते हैं। साथ ही जिनके शरीर का तापमान और मेटाबॉलिज्म स्तर अधिक होता है, वो बटरमिल्क का लाभ उठा सकते हैं।

3. तैलीय भोजन को साफ करने का काम (Cleaning oily food)
अगर आप भारी भोजन के बाद पेट को फूला हुआ महसूस करते हैं, तो एक गिलास छाछ आपकी इस समस्या को शांत कर सकता है। छाछ के साथ अदरक, जीरा व धनिया आदि मिलाकर पीने से पाचन क्रिया को बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा, छाछ भोजन से तेल और वसा को साफ करने में भी कुशल है। भारी भोजन के बाद आमतौर पर लोग सुस्ती महसूस करते हैं, लेकिन भोजन के बाद एक गिलास छाछ आपकी इस सुस्ती को दूर कर सकता है। इसके सेवन के बाद आप अधिक चुस्त महसूस करने लगेंगे।

4. पाचन और पेट की बीमारियों का इलाज (Treatment of stomach ailments)
छाछ में काफी मात्रा में एसिड होता है, जो बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने का काम करता है और पाचन प्रणाली को सुचारू करता है। छाछ में मिलाए जाने वाले सभी मसाले पाचन एजेंट की तरह काम करते हैं। अदरक, काली मिर्च और जीरा सभी बेहतरीन पाचन गुणों से समृद्ध होते हैं। ये सभी कामिनटिव पदार्थ हैं, जो पेट से गैस को दूर करते हैं। इन सामग्रियों का एक साथ सेवन करने से जठरांत्र मार्ग (Gastrointestinal) ठंडा होता है। नियमित रूप से छाछ का सेवन करने से जठरांत्र संबंधी परेशानियां उत्पन्न नहीं होती हैं। छाछ से ठीक होने वाली पाचन संबंधी कुछ बीमारियां इस प्रकार हैं –
लैक्टोज इनटॉलेरेंस
अनियमित मल त्याग
कोलन कैंसर
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम
पेट में संक्रमण

5. डिहाइड्रेशन के खिलाफ प्रभावी (Effective against dehydration)
दही में नमक व मसाले डालकर बनाई गई छाछ डिहाइड्रेशन को रोकने का एक प्रभावी उपचार है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स से भरा प्रभावी पेय है, जो शरीर से पानी की कमी और शरीर में गर्मी के खिलाफ लड़ने का काम करता है। गर्मियों के दौरान आप इसका आनंद जी भरकर ले सकते हैं। यह आपको चुभन भरी गर्मी, बेचैनी और थकान से आराम दिलाने का काम करेगा।

6. फैट के बिना कैल्शियम (Calcium without fat)
बहुत लोग मानते हैं कि यह बटरमिल्क है, इसलिए यह फैट और कैलोरी से भरा होगा, लेकिन सामान्य दूध की तुलना में इसमें कम फैट होता है। दूध में एक महत्वपूर्ण घटक होता है – कैल्शियम। दूध भी वसा से भरा होता है। लैक्टोज को सहन न करने वालों ( जो दूध का सेवन करने से बचते हैं) के लिए छाछ एकमात्र प्राकृतिक कैल्शियम का स्रोत है। ऐसे लोग छाछ का सेवन करके आवश्यक कैल्शियम ले सकते हैं। यह किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया का कारण नहीं होगा, क्योंकि लैक्टोज छाछ में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया को लैक्टिक एसिड में बदल दिया जाता है।

कैल्शियम शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। कैल्शियम हड्डियों के विकार जैसे ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छाछ अतिरिक्त कैलोरी के बिना कैल्शियम और पोषण की खुराक प्रदान करता है। दैनिक भोजन में आवश्यक कैल्शियम लेने से हड्डी के नुकसान की आशंका कम हो जाती है। यह हड्डी को स्वस्थ रखने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से हड्डियों को दूर रखता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इन सभी गुणों के लिए छाछ को दैनिक आहार में शामिल करना अच्छा विकल्प है।

7. विटामिन में समृद्ध (Rich in vitamins)
छाछ में बी कॉम्प्लेक्स विटामिन और विटामिन-डी जैसे गुण भी होते हैं। विटामिन की कमी के कारण होने वाली कमजोरी और एनीमिया जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए छाछ अच्छा विकल्प है। छाछ में मौजूद विटामिन-डी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम भी करता है। यह पेय आपको सुझाए गए किसी अन्य विटामिन स्रोत से 21 प्रतिशत से अधिक विटामिन की मात्रा देता है।

8. शरीर को करता है डिटॉक्स (Detoxes the body)
छाछ में राइबोफ्लेविन नाम का तत्व होता है, जो भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने, हार्मोन के स्राव और पाचन में सहायता करता है। साथ ही शरीर कोशिकाओं में एंजाइम को सक्रिय करने के लिए राइबोफ्लेविन का उपयोग करता है, जिससे ऊर्जा का उत्पादन होता है। यह लीवर के कार्य को भी प्रभावित करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में सहायता प्रदान करता है। बटरमिल्क में एंटी-ऑक्सीडेशन गुण भी होते हैं।

9. रक्तचाप को करता है कम (Lowers blood pressure)
अध्ययन से पता चलता है कि छाछ में भरपूर मात्रा में बायोएक्टिव प्रोटीन होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं। साथ ही छाछ में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण भी होते हैं। छाछ में मौजूद विशेष प्रोटीन रक्तचाप को नियंत्रित करने और कैल्शियम, पोटैशियम व मैग्नीशियम रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से छाछ पीने से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।

10. कोलेस्ट्रॉल करता है नियंत्रित (Controls cholesterol)
कोलेस्ट्रॉल को कम करने और नियंत्रित करने के लिए छाछ एक प्राकृतिक उपाय है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने के लिए इसमें मौजूद तत्व बहुत प्रभावी हैं। यहां तक कि आयुर्वेदिक ग्रंथों ने भी छाछ के सेवन के गुण को अच्छा बताया है।

11. पेट की एसिडिटी करे ठीक (Cure stomach acidity)
छाछ पेट में होने वाली एसिडिटी या किसी अन्य तरह की गड़बड़ को शांत करने का काम करता है। इसके लिए आप छाछ में आवश्यक मसाले जैसे अदरक, नमक, जीरा व काली मिर्च आदि को मिलाकर पिएं। एसिडिटी से होने वाली पेट की जलन को यह आसानी से शांत कर देता है। साथ ही मसालेदार या तैलीय भोजन से होने वाली पेट की तकलीफ को भी दूर करता है।

12. कब्ज का इलाज (Constipation treatment)
छाछ एक प्राकृतिक औषधि है, जिसका सेवन कब्ज जैसी समस्या को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। गलत भोजन और असमय खाने-पीने से पाचन तंत्र खराब हो जाता है, जिससे कई बार दस्त या कब्ज हो सकती है। इस स्थिति को कम करने के लिए नियमित रूप से छाछ का सेवन करें। अगर आप कब्ज से पीड़ित हैं, तो एक गिलास छाछ ले सकते हैं, जिससे आपको मल त्याग करने में आसानी होगी। यह उन लोगों के लिए भी सही है, जो पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन नहीं करते हैं।

13. वजन कम करने में मददगार
छाछ एक बहुउपयोगी पेय है, जो आपके बढ़ते वजन पर भी रोक लगा सकता है। जो लोग अपने वजन को लेकर परेशान हैं, वे रोजाना नियमित रूप से बटरमिल्क का सेवन कर सकते हैं। छाछ अन्य डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और पनीर में पाए जाने वाली कैलोरी व वसा के बिना शरीर को आवश्यक पोषण और एंजाइम प्रदान करता है।

इसे नियमित रूप से पीने से आप हाइड्रेटेड और ऊर्जावान बने रहते हैं। यह शरीर को प्रोटीन, विटामिन्स, खनिज, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और ऊर्जा को बनाए रखने के लिए आवश्यक अन्य एंजाइम प्रदान करता है। यह उपयोगी पेय है, जो भूख को संतुष्ट करता है और वजन को भी कम करने का काम करता है।

14. भोजन बनाने में इस्तेमाल
छाछ का उपयोग खाना पकाने में भी किया जा सकता है। यह एसिड, कैल्शियम और विभिन्न एंजाइमों का एक प्रमुख मिश्रण है। इसके प्रयोग से भोजन में एक खास प्रकार का स्वाद आ जाता है। छाछ का इस्तेमाल केक बनाने में किया जाता है। केक के अलावा हल्के रसीले बिस्कुट और यहां तक कि वेफल्स और पेनकेक्स बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

छाछ का उपयोग करके बनाई गई मकई की रोटी नम रहती है और जल्दी सूखती नहीं है। चिकन को तलने से पहले जब छाछ में भिगोया जाता है, तो यह रसदार और नरम रहता है। माना जाता है कि पूर्व और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में मटन-लैम का स्वाद बढ़ाने के लिए मांस को छाछ में मैरीनेड करने की सलाह दी जाती थी।

शिकार समुदायों से जुड़ा एक तथ्य यह है कि छाछ का नमकीन गुण वाइल्ड टर्की (जमीनी पक्षी) और वेनसन (हिरण का मांस ) के कच्चे स्वाद को कम कर देता है, जिससे यह अधिक स्वादिष्ट हो जाता है।

छाछ में मौजूद कैल्शियम मांसपेशियों और कनेक्टिव टिशू के एंजाइम को सक्रिय करता है, जिससे प्रोटीन टूट जाता है और मांस नरम हो जाता है। गर्मी के मौसम में फर्मेंटेड और ठंडा बटरमिल्क शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। गर्मी के दौरान छाछ पीने से पसीने के जरिए शरीर से बाहर निकले पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है। जैम, पालक और ब्रोकोली को भी छाछ में डालकर अलग-अलग स्वाद पाए जा सकते हैं।

15. प्रोबायोटिक्स लाभ (Probiotics Benefits)
शरीर के लिए छाछ के फायदों की श्रृंखला बड़ी है। छाछ बैक्टीरिया से समृद्ध होता है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के लिए फायदेमंद होता है। ऐसे बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक्स कहा जाता है। स्वस्थ बैक्टीरिया हर किसी के कोलन (मलाशय) में मौजूद होते हैं। पोषण के लिए ये बैक्टीरिया हमारी मदद कर सकते हैं।

छाछ के बैक्टीरिया में लैक्टिक एसिड गुण होता है, क्योंकि ये लैक्टोज को लैक्टिक एसिड में बदल देते हैं। ये भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को आसानी से शरीर में समा जाने में मदद करते हैं। बटरमिल्क के बैक्टीरिया को समग्र गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य के लिए मददगार माना जाता है और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) को कम करता है। आईबीएस के लिए छाछ एक सटीक घरेलू विकल्प हो सकता है। छाछ के बैक्टीरिया अच्छे बैक्टीरिया के विकास में मदद करते हैं और खराब बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं।

नीचे उन सभी अच्छे कामों की एक सूची दी गई है, जो छाछ के बैक्टीरिया करते हैं-

विटामिन का संश्लेषण
पाचन में सहायता
प्रतिरक्षा बढ़ाते हैं
पोषक तत्वों का निर्माण
हृदय रोगों के लिए
कार्सिनोजन के खिलाफ रक्षा

16. बॉडी मास को बढ़ाता है (Increases body mass)
छाछ प्रोटीन से भरपूर है, इसलिए यह शरीर में प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ाता है। शरीर की हर कोशिका में प्रोटीन होता है। सभी कोशिकाएं मरम्मत और खुद को बनाए रखने के लिए प्रोटीन पर निर्भर हैं। मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन जरूरी है। छाछ कई बॉडी बिल्डरों का पसंदीदा पेय है। यह शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन्स प्रदान करता है और अनावश्यक कैलोरी के बिना ही पौष्टिक होता है। प्रोटीन मजबूत हड्डियों, सख्त मांसपेशियों और स्वस्थ त्वचा के लिए महत्वपूर्ण तत्व है।

17. हड्डियों को मजबूती (Strengthen bones)
दही में पानी डालकर बनाए गए छाछ में दूध के सभी पोषक तत्व होते हैं। यह कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है, जो शरीर की हड्डियों और उनके ढांचे के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, यह दांतों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। अगर आप चाहते हैं कि बच्चों की हड्डियां व दांत स्वस्थ रहें, तो उन्हें नियमित रूप से छाछ पीने को दें। इस पेय में मौजूद कैल्शियम से बोन डेंसिटी को बनाए रखने में मदद मिलती है।

18. त्वचा की देखभाल और सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग (Use in skin care and cosmetics)
छाछ पीने के फायदे कई हैं। छाछ पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने पर त्वचा पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। ऐसे में छाछ टॉक्सिन से लड़ने का काम करता है।

छाछ त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और उसे प्राकृतिक चमक देता है। छाछ का लाभ लेने के लिए जरूरी नहीं कि आप इसका सिर्फ सेवन ही करें। इसका इस्तेमाल बाहरी तरीके से करने से भी कई लाभ मिल सकते हैं। इसलिए, बटरमिल्क बाथ को त्वचा के लिए फायदेमंद माना गया है। यह प्रोबायोटिक लैक्टिक एसिड में समृद्ध है, इसलिए इसका इस्तेमाल फेस मास्क के रूप में किया जा सकता है।

इसका उपयोग त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने और मुलायम करने के लिए किया जा सकता है। यह झाइयों (freckles) के उपचार के लिए भी उपयोगी हो सकता है।

बटरमिल्क एंटी एंजिंग के रूप में भी काम कर सकता है। इसका इस्तेमाल फेस मास्क और फेस वॉश के रूप में किया जा सकता है। छाछ का नियमित उपयोग त्वचा को कसने में मदद करता है और इसे झुर्रियों से मुक्त रखता है।

लैक्टिक एसिड के कसैले गुणों की वजह से छाछ को चेहरे पर लगाने से काले धब्बों और दाग से निजात मिल सकती है। शहद और अंडे का मिश्रण छाछ के लाभों को बढ़ा सकता है। यह सन टैन को हटाने में मदद करता है और त्वचा को एक चमक देता है।

एवोकाडो और शहद के साथ छाछ को मिलाकर आप हेयर मास्क बना सकते हैं, जिसके आपके बाल मुलायम हो जाएंगे।

19. प्रतिरक्षा स्तर बढ़ाता है (Boosts immunity level)
छाछ को लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया से समृद्ध माना गया है। यह जीवाणु प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और शरीर को रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में मौजूद हानिकारक रोगजनकों से लड़ने में मदद करता है।

छाछ के कई लाभ इसमें मौजूद बैक्टीरिया की वजह से हैं। इसमें दूध की तुलना में लगभग आधी कैलोरी होती है और वसा की मात्रा भी काफी कम होती है, इसलिए इसका सेवन मोटापे से परेशान लोग और मधुमेह से पीड़ित लोग कर सकते हैं।

इसमें अधिक नमक न जोड़ें, क्योंकि इससे छाछ के पोषक तत्व कम हो जाते हैं। प्रोबायोटिक के रूप में, यह योनि संक्रमण और यूरिनरी ट्रैक्ट के खिलाफ सक्रिय है। मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में कैंडिडा संक्रमण एक आम समस्या है और नियमित रूप से छाछ का सेवन करने से इसे कम किया जा सकता है।

20. अल्सर के खिलाफ प्राकृतिक चिकित्सा (Natural medicine against ulcers)
कई केस स्टडी में यह प्रमाणित किया गया है कि छाछ पीना अल्सर के खिलाफ एक प्राकृतिक उपचार है। यह हार्ट बर्न को रोकता है और एसिड को भोजन नलिका में ऊपर जाने से रोकता है। इसके शीतल प्रभाव के कारण अल्सर को फैलने से रोका जा सकता है।

21. थ्रश के खिलाफ सक्रिय (Active against thrush)
दिन में दो या तीन गिलास छाछ का सेवन यीस्ट यानी थ्रश इंफेक्शन (मुंह से जुड़ा संक्रमण, जो कैंडिडा फंगस की वजह से होता है) के लिए अच्छा घरेलू उपचार है। छाछ में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया फंगस के विकास को रोकते हैं। थ्रश के लिए आप बटरमिल्क को माउथ वॉश के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मुंह के छालों और घावों को ठीक करने में भी मदद करता है।

22. सनबर्न के खिलाफ उपयोगी (Useful against sunburn)
अगर आप अधिक समय से धूप में हैं और आपकी त्वचा लाल हो गई है और जलन हो रही है, तो तुरंत राहत पाने के लिए इस नुस्खे को आजमाएं। आधा कप छाछ में समान मात्रा में टमाटर का रस मिलाकर प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। इसे लगभग एक घंटे तक लगा रहने दें। बाद में त्वचा को धो लें। यह त्वचा को ठंडक प्रदान करता है और सनबर्न से त्वचा को होने वाले दर्द को कम करता है। साथ ही त्वचा पर पड़ी लालिमा को भी कम करेगा।

23. बवासीर के इलाज (Hemorrhoids treatment)
बवासीर के लिए बटरमिल्क असरदार इलाज है। अगर आप बवासीर से पीड़ित हैं, तो चावल और केले के मिश्रण में एक कप छाछ मिलाकर सेवन कर सकते हैं। बवासीर से राहत पाने के लिए दिन में दो बार इसका सेवन करें।

24. सर्दी-जुकाम से राहत (Relief from cold)
छाछ आम सर्दी और बहती नाक से लड़ने के लिए कारगर माना जाता है। कुछ महीन कटे लहसुन और अदरक को छाछ के साथ मिलाएं और दो-तीन बार लें।

25. फूड इंडस्ट्री के लिए उपयोगी (Useful for the food industry)
फूड इंडस्ट्री में छाछ के सूखे रूप यानी बटरमिल्क पाउडर का बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता है। यह कारगर इमल्सीफायर (एक प्रकार का घोल) है, जिसका इस्तेमाल व्हिप्ड क्रीम (Whipped Cream ) में किया जाता है। इसके अलावा, दूध से बने पेय पदार्थ में भी पोषक तत्व बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

छाछ के अन्य इस्तेमाल की बात करें, तो इसका प्रयोग पीतल के बर्तनों को चमकाने के लिए भी किया जा सकता है। इसके लिए सादे पानी में छाछ मिलाई जाती है और बर्तनों की सफाई की जाती है। यहां छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड की अहम भूमिका देखी जा सकती है।

छाछ जरूरी पोषक तत्वों से भरा एक स्फूर्तिदायक शीतल पेय है, जो शरीर की गर्मी को कम करता है। खासकर, तब जब तापमान बढ़ रहा हो और सूरज की गर्मी आपको परेशान कर रही हो। यह आपको सबसे गर्म दिनों में शांती का अनुभव कराएगा।

इस पेय का मुख्य घटक लैक्टिक एसिड है, जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे बीमारियों और जीवाणु संक्रमण से लड़ने में शरीर को शक्ति मिलती है। वजन कम करने के मामले में भी छाछ महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है, क्योंकि इसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन्स होते हैं।

यह पाचन में सहायता करता है और शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखता है। साथ ही यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।