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Radha Soami Satsang Beas: कौन हैं राधा स्वामी सत्संग ब्यास का नए ‘संत सतगुरु’?

प्रमुख आध्यात्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के सेवारत प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने 45 वर्षीय जसदीप सिंह गिल को अपना नया संरक्षक और “संत सतगुरु” नामित किया है।

Radha Soami Satsang Beas: प्रमुख आध्यात्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के सेवारत प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने 45 वर्षीय जसदीप सिंह गिल को अपना नया संरक्षक और “संत सतगुरु” नामित किया है।

RSSB के सचिव देवेंद्र कुमार सीकरी ने सोमवार को एक लिखित बयान में कहा, “बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने सुखदेव सिंह गिल के बेटे जसदीप सिंह गिल को 2 सितंबर, 2024 से तत्काल प्रभाव से राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी का संरक्षक नामित किया है।”

बयान में कहा गया है, “जसदीप सिंह गिल राधा स्वामी सत्संग ब्यास सोसाइटी के संत सतगुरु के रूप में बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों का स्थान लेंगे और उन्हें दीक्षा (नाम) देने का अधिकार होगा।”

अमृतसर में ब्यास नदी के पास मुख्यालय वाले इस संगठन के बहुत से अनुयायी हैं और अक्सर देश के शीर्ष राजनीतिक नेता यहां आते हैं। नवंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस संप्रदाय का दौरा किया था।

हाल ही में, कई रिपोर्टों में कहा गया था कि ढिल्लन की तबीयत ठीक नहीं है और वह कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं। हालांकि, सोमवार को सीकरी ने कहा कि वह “बिल्कुल ठीक” हैं।

माना जाता है कि ढिल्लन रैनबैक्सी लैबोरेटरीज के पूर्व प्रमोटर मालविंदर और शिविंदर सिंह के भी करीबी हैं।

गौरतलब है कि गिल इससे पहले रैनबैक्सी में सीईओ के कार्यकारी सहायक के पद पर भी काम कर चुके हैं।

2019 से इस साल 31 मई तक, गिल फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला लिमिटेड में मुख्य रणनीति अधिकारी और वरिष्ठ प्रबंधन कर्मी थे।

कौन हैं जसदीप सिंह गिल? (Who is Jasdeep Singh Gill)
गिल कैम्ब्रिज से केमिकल इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट हैं और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), दिल्ली के पूर्व छात्र हैं।

उन्होंने बोर्ड ऑब्जर्वर के तौर पर एथरिस और अचिरा लैब्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी काम किया। मार्च 2024 तक, वे वेल्थी थेरेप्यूटिक्स के बोर्ड मेंबर भी थे।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, गिल के पिता सुखदेव सिंह गिल भारतीय सेना से कर्नल के तौर पर रिटायर होने के बाद बीस साल से भी पहले ब्यास आए थे।

तब से, जसदीप पिछले 30 सालों से डेरा में आते-जाते और “सेवा” करते आ रहे हैं।

उनकी पत्नी एक डॉक्टर हैं।