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जानें कैसे फालुन दाफा साधना अभ्यास ने उसे अपना मार्ग प्राप्त करने में मदद की

उत्तर-पूर्वी भारत की रहने वाली सुमाया हजारिका (Sumaya Hazarika) फैशन की दुनिया में तेजी से अपना नाम बना रही हैं। सेंट सिंट्रा के 2022 न्यूयॉर्क फैशन वीक (New York Fashion Week) में रैंप पर आने वाली युवा मॉडल ने लंदन, लॉस एंजिल्स, दुबई, भारत और टोक्यो में काम किया है।

उत्तर-पूर्वी भारत की रहने वाली सुमाया हजारिका (Sumaya Hazarika) फैशन की दुनिया में तेजी से अपना नाम बना रही हैं। सेंट सिंट्रा के 2022 न्यूयॉर्क फैशन वीक (New York Fashion Week) में रैंप पर आने वाली युवा मॉडल ने लंदन, लॉस एंजिल्स, दुबई, भारत और टोक्यो में काम किया है। हाल में उन्होंने इटली के प्रसिद्ध फैशन लेबल टॉड्स (fashion label tods) के लिए काम किया है।

इस साल की शुरुआत में, हजारिका ने एक आगामी ब्रांड “आर्टिस्ट फैशन” के लिए मॉडलिंग की, जिसे शेन यून परफॉर्मिंग आर्ट्स के विश्व स्तरीय कलाकारों के लिए कपड़े डिजाइन करने का एक दशक से अधिक का अनुभव है।

नागालैंड में जन्मी हजारिका का पालन-पोषण एक पारंपरिक परिवार में हुआ और फैशन की दुनिया में अपना करियर बनाना उनकी इच्छा सूची में कभी नहीं था।

फिर एक ऐसा मोड़ आया जिसने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। आकर्षक, जीवन से भरपूर हजारिका पर एनिमा क्रिएटिव्स की निगाहें पड़ीं – एक टैलेंट मैनेजमेंट फर्म जो विशेष रूप से भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मॉडल, फोटोग्राफर, स्टाइलिस्ट और मेकअप कलाकारों का प्रबंधन करती है।

हजारिका का कहना है कि उनके मॉडलिंग करियर की शुरुआत आश्चर्यजनक रूप से आसान रही और इसने उन्हें व्यस्त रखा। हालांकि, कुछ समय के बाद, उन्हें आत्म-संदेह होने लगा।

उस समय के आसपास, 2017 में, एनिमा क्रिएटिव्स फालुन दाफा के मन और शरीर का अभ्यास सत्र आयोजित कर रहा था। उन्होंने ध्यान अभ्यास सीखने के लिए एक सत्र में भाग लिया और अपने ऊर्जा स्तरों में परिवर्तन महसूस किया।

यह मेरे लिए आश्चर्यजनक था कि कैसे मेरे दिमाग में मौजूद सारी नकारात्मकता उस सत्र के ठीक बाद गायब हो गई, उन्होंने बताया।

फालुन दाफा में पांच सौम्य और प्रभावी व्यायाम और ध्यान सिखाये जाता है, लेकिन मन की साधना या नैतिक गुणों की साधना पर जोर दिया जाता है। आज भारत सहित दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में इसका अभ्यास किया जा रहा है।

हजारिका ने कहा, शारीरिक रूप से, मैं ऊर्जा से भरपूर और मानसिक रूप से संतुष्ट महसूस करती हूं। और यह जितना सरल लगता है, उससे पूरी तरह से अनोखी भावना है, खासकर आज की दुनिया में, जो बहुत कुछ अस्त-व्यस्त है।

जबकि फालुन दाफा दुनिया भर में लोकप्रिय है, दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां 1999 से इसका दमन किया जा रहा है जो आज तक जारी है।

मानव विज्ञान की छात्रा होने और हमारे ईश्वर प्रदत्त अधिकारों की स्पष्ट समझ होने के कारण, हजारिका अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेती हैं।

वह चीन में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन, विशेष रूप से फालुन दाफा अभ्यासियों के खिलाफ उत्पीड़न के नरसंहार अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।

हजारिका ने कहा, “मैं हर दिन इस तथ्य से हतप्रभ महसूस करती हूं। चीन में 10 करोड़ से अधिक अभ्यासियों के उत्पीड़न को क्रूरता से अंजाम दिया जा रहा है और सीसीपी-नियंत्रित मीडिया के माध्यम से कई ब्रेनवॉशिंग कहानियां फैलाई गई हैं।”

उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि फालुन गोंग जैसे पवित्र अभ्यास का चीन में दमन बहुत जल्द समाप्त हो जाएगा और कम्युनिस्ट चीनी शासन को भी नियत समय में परिणाम भुगतने होंगे।”

सुमाया हजारिका सही में आज की युवा पीढ़ी के लिए रोल मॉडल हैं। यदि आप इस अभ्यास को सीखने में रुचि रखते हैं, तो आप इसके नि:शुल्क वेबिनार के लिए www.LearnFalunGong.in पर पंजीकरण कर सकते हैं। आप www.falundafa.org पर अधिक विवरण देख सकते हैं। फालुन दाफा पूरी तरह से नि:शुल्क सिखाया जाता है।