नई दिल्लीः कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि देशद्रोह पर कानून को खत्म करने के लिए फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि धारा 124-ए के संबंध में ‘कानून का सवाल’ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित था। सदन में एक सवाल के जवाब में कि क्या सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिकूल टिप्पणी के मद्देनजर राजद्रोह कानूनों को खत्म करने की योजना बना रही है, मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून को औपनिवेशिक कानून बताते हुए कानून के बारे में सवाल पूछा था। ‘‘क्या आजादी के 75 साल बाद भी हमें अपने देश में कानून की जरूरत है?’’ अदालत ने कहा था। हालाँकि, यह मुद्दा बना हुआ है कि ‘राष्ट्र-विरोधी’ गतिविधियों को किसी कानून द्वारा ढ़कने करने की आवश्यकता है।
रिजिजू ने आगे स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत ने 31 मई, 2021 के अपने आदेश में केवल यह देखा था कि आईपीसी की धारा 124-ए, 153-ए और 505 के प्रावधानों के दायरे में ‘अधिकार के संदर्भ में’ व्याख्या की आवश्यकता होगी। समाचार, सूचना और अधिकारों को संप्रेषित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया, यहां तक कि उनके भी जो देश के किसी भी हिस्से में प्रचलित शासन की आलोचना कर सकते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
Comment here
You must be logged in to post a comment.