ज्योतिषशास्त्र अनुसार सूर्य शनिवार 25 मई को सुबह 3:15 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इसके बाद 2 जून रविवार तक नौ (9) दिन का नौतपा (Nautapa) रहेगा। इसके साथ ही सूर्य देव 8 जून शनिवार को 1:04 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे, जिससे इन दिनों भीषण गर्मी रहेगी व पारा 48 डिग्री को पार कर सकता है।
नौतपा है मानसून का गर्भकाल
मान्यता है कि सूर्य की गर्मी और रोहिणी नक्षत्र (जिसका स्वामी चंद्र है) के जल तत्व के कारण यह मानसून का (9 दिन में) गर्भ आ जाता है और इसी कारण नौतपा को मानसून का गर्भकाल माना जाता है । ऐसे में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है तो उस समय चंद्रमा नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं।
लोक मान्यता है कि अगर नौतपा के सभी 9 दिन पूरे तपें, तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश होती है। ज्योतिषीयों का कहना है कि चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो और अधिक गर्मी पड़े, तो वह नौतपा अच्छा कहलाता है. वहीं अगर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है और उस दौरान अगर बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना (गर्भपात) भी कहा जाता है।
नौतपा 2024 (Nautapa 2024)
देश में गर्मी अब अपना प्रचंड रूप दिखाने लगी है । इन 9 दिनों की अवधि में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी और इस कारण सूर्यदेव की तपिश काफी ज्यादा महसूस होगी, जिससे इन दिनों गर्मी प्रचंड रहेगी व पारा 48 डिग्री के पार कर सकता है ।
नौतपा में इन बातों का रखें ध्यान
नौतपा के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पियें, ताकि शरीर में किसी तरह की परेशानी न हो ।
बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं ,बीमार परिजन का खास ख्याल रखें । बच्चे धूप में ना जाएं।
इसके अलावा मान्यता है कि नौतपा के दौरान प्यासे को जल पिलाने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
अगर बहुत आवश्यक हो तो ही घर से बाहर निकलें । धूप का चश्मा, छाता, सर पर कपड़ा ढककर कर ही बाहर निकलें ।
नौतपा के दौरान सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। साथ ही समाज में मान-सम्मान भी बढ़ता है।
पक्षु पक्षी के लिए पानी की व्यवस्था करें, आपको पुण्य मिलेगा।
अभी प्रण लें कि जुलाई में कम से कम 10 पेड़ अवश्य लगाएंगे।