नई दिल्लीः 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) मनाने की तैयारियां पूरे जोर-शोर से जारी हैं। इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री भी स्वयं योग करके योग की महत्व का प्रसार कर सकते हैं।
अब कोविड महामारी के बाद, चिकित्सकों ने कोरोनोवायरस की चपेट में आए और स्टेरॉयड के उपयोग से ठीक हुए लोगों को सावधान किया है कि ऐसे सभी लोगों को योग का अभ्यास किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए क्योंकि उनमें मांसपेशियों या जोड़ों में खिचाव होने की संभावना अधिक होती है।
चिकित्सकों का कहना है कि उन्होंने कोरोनोवायरस के लिए स्टेरॉयड से उपचार किए गए लोगों, विशेषतया बुजुर्गों में कोविड-19 से ठीक होने के बाद भी हल्के ऑस्टियोपोरोसिस के मामलों या मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द की समस्या वाले मामलों में तेजी आई है।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त परामर्शक सिमरन कुमार ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि योग करने से पीठ दर्द और शारीरिक मुद्राओं की समस्याओं में लाभ मिलता है, लेकिन कोविड के बाद वाली समस्याओं से ग्रस्त कुछ लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।”
अन्य चिकित्सक ने कहा कि अनुचित शारीरिक तैयारी (वार्म-अप) और योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन के बिना यूट़यूब वीडियो देखकर गलत तरीके से योग करने से भी कोविड बाद की समस्याओं से जूझ रहे कुछ लोगों में मांसपेशियों और नसों में खिंचाव होने की संभावना है।
योग प्रशिक्षक साधना सिंह ने कहा कि योग करने से तनाव से राहत मिलती है और शरीर सुडौल बनता है लेकिन मांसपेशियों के अधिक खिचाव के साथ किए जाने वाले आसनों को ठीक ढंग से न करने पर लोगों को शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ मधुजीत गुप्ता, स्पाइन एंड पेन स्पेशलिस्ट, एक्सिस क्लिनिक फॉर प्रिवेंटिव ऑर्थोपेडिक्स ने कहा, “मामूली ऑस्टियोपोरोसिस या अन्य संबंधित समस्याओं से ग्रस्त कुछ लोगों में रीढ़ की हड्डी को अत्यधिक लचक या ज़ोर से खीचने से पीठ में खिचाव की समस्या हो सकती है। आगे की ओर झुककर किए जाने वाले आसनों को शुरुआत में आराम से किया जाना चाहिए और निपुणता हासिल करने के लिए शरीर को बहुत अधिक कष्ट नहीं देना चाहिए। ”
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के परिणामस्वरूप और स्टेरॉयड उपचार के कारण कमजोर हड्डियों की समस्या से पीड़ित बुजुर्गों को विशेष देखभाल की जरूरत है। स्पाइन एंडोस्कोपी विशेषज्ञ गुप्ता ने कहा, “अत्यधिक-खिचाव के दौरान लिगामेंट में क्षति और मांसपेशियों में खिचाव जैसी आयु संबंधित कुछ सामान्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे मामलों में, रीढ़ की हड्डी में सिकुड़न का उपचार काइफोप्लास्टी से और सॉफ्ट टिश्यू इंजरी का उपचार मोनोक्लोनल सेल थैरेपी से किया जाना चाहिए।’’
योग प्रशिक्षक सिंह की सलाह है कि हनुमानासन (leg split), सर्वांगासन (shoulder stand), उत्तनासन (standing forward bend), शीर्षासन (head stand) और पशिमोत्तानासन (seated forward bend) जैसे आसन करने से पूर्व उचित वार्म-अप और तैयारी करें क्योंकि इनके लिए थोड़े-से अधिक प्रयास और लचीलेपन की आवश्यकता होती है।
भारत के 5,000 साल पुराने शारीरिक ज्ञान योग के लाभ बहुत अधिक हैं। पश्चिमी देशों ने भी योग के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभों को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। चिकित्सक और योग प्रशिक्षक एकमत इस बात को स्वीकर करते हैं कि भारत के शांति संदेश का दुनियाभर में प्रसार करने के लिए योग एक सशक्त साधन है।
अत: आने वाली 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लें और अपने शरीर को फिट बनाएं परंतु प्रशिक्षिक की मदद लेना न भूलें और ध्यान रहे दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा की दौड़ में स्वयं को कष्ट न दें।