मन में कुछ कर कर गुजरने की इच्छा हो तो सीमित संसाधनों में भी व्यक्ति कुछ बेहतर कर ही लेता है इस कहावत को सिद्ध कर दिखाया है भोजपुरी फिल्मों के चर्चित निर्देशक अनिल पॉल अनु ने जिन्होंने पटना के बोरिंग केनाल रोड अवस्थित अपने अपार्टमेंट की छत को ही गार्डन में तब्दील कर दिया है।
ईटीवी बिहार बिग गंगा के कई हिट कार्यक्रमों का निर्देशन कर चुके अनिल जी की अपनी विशिष्ट पहचान पुराने ग्रामोफोन से लेकर ऐतिहासिक सिक्को पुरानी रॉयल गाड़ियों के संग्रह के लिए भी है देश दुनिया से लोग इनके पास आते है। एक कलाकार मन सदैव कुछ नई क्रियाटिवीटी को जन्म देता है इसी कड़ी में उन्होंने पटना के बोरिंग केनाल रोड अवस्थित अपने अपार्टमेंट के छत को विस्तृत गार्डन के रूप में तब्दील कर दिया है इस गार्डन में आपको दुनिया की सभी दुर्लभ प्रजातियों के फूल फल सब्जियों के साथ ही साथ औषधीय पौधे कई विदेशी चिड़ियों का संग्रह भी देखने को मिलेगा।
तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद यह प्रतिदिन अपने इस टेरिस गार्डन में 2 से 3 घंटे पसीना बहाते है। साफ सफाई का खुद से ध्यान रखते हैं किस पौधे को कब खाद देना है पानी देना है इसका भी ख्याल रखते हैं। इनके गार्डन में आपको सालों भर मौसमी सब्जियां और फल भी देखने को मिलेंगे बोनसाई पद्धति के वटवृक्ष पीपल के भी कई पुराने पेड़ गमलों में इन्होंने सजा रखा है।
अपने इस अनूठे गार्डन के बारे में अनिल पाल अनु जी बताते हैं कि शहर में इतनी तेजी से जनसंख्या का फैलाव हुआ है की जिंदगी दो रूम के फ्लैट में सिमट कर रह गई है कंक्रीट के जंगल ने जीवन को संकुचित कर दिया है। ऐसे में टेरिस गार्डन सुकून भी देता है और सालों भर आपको फल सब्जियां भी मिलती है। घर के टूटे-फूटे उपकरणों से भी यह कई कलाकृतियों का निर्माण करते रहते हैं।
वे कहते हैं कि अब किसी के जन्मदिन शादी समारोह पर गिफ्ट में पेड़ पौधे देने का चलन है लोग दे देते हैं फिर इन पेड़ पौधे को लगाएंगे कहा ऐसे में वह पेड़ पौधे को अपने छत पर ही जगह देते हैं। कई सारे विदेशी मित्रों ने भी कई विदेशी फल फूल के पौधे भी उनके लिए भेजें है।पिछले 10 साल से किचन वेस्ट से खाद बनाना और उसी खाद का अपने पौधों में उपयोग करना भी शामिल है।