Budhwa Mangal 2022: पवनपुत्र हनुमान के नाम पर लंबे समय से बुढ़वा मंगल मनाया जाता है। कहते हैं मंगल को जन्में मंगल ही करते अमंगल को हरते ऐसे ही हैं भगवान हनुमान। भारत में और देश के बाहर सनातन धर्म को मानने वाले लोग बुढ़वा मंगल को धूमधाम से मनाते हैं।
महाभारत काल में 10,000 हाथियों का बल रखने वाले कुंति पुत्र भीम को अपने शक्तिशाली होने पर बड़ा अभिमान और घमंड था। उनको सबक सिखाने और घमंड को तोड़ने के लिए रूद्र अवतार भगवान हनुमान ने एक बूढ़े बंदर का भेष धरा था। एक बार भीम कहीं जा रहे थे तो बंदल रूपी हनुमान जी बीच रास्ते पर लेट गए। वो वक्त भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष का आखिरी मंगलवार था। जैसे ही कुंति पुत्र भीम उस रास्ते से निकले उन्हें रास्ते पर बंदर लेटा दिखा।
नहीं उठा पाए बंदर की पूंछ
उन्होंने अहम में आकर बंदर को तिरस्कार की भावना से कहा अपनी पूंछ हटाओ। इस पर बंदर के रूप में अंजनी पुत्र हनुमान बोले तुम 10000 हाथियों का बल रखते हो, खुद ही इस पूंछ को हटा लो। क्रोध में आकर भीम आगे बढ़े और उन्होंन पूंछ उठाने की कोशिश की पर वो उसे हिला तक नहीं पाए। इसके बाद भीम ने वासुदेव को याद किया और फिर उनसे उन्हें पता लगा कि ये महा शक्तिशाली हनुमान जी हैं। इस दिन को तबसे बुढ़वा मंगल के रूप में मनाया जाने लगा।
अगर आपके किसी भी काम में रुकावट आ रही है तो इस दिन हनुमान मंदिर जाकर गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं। इसके साथ ही प्रसाद को मंदिर में बांट दें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें-
आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर
त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात
इसके अलावा आप इन हनुमान मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं।
ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा