उत्तर प्रदेश

पिछली सरकारों पर योगी का तंज, गरीब के पैसों में लगती थी सेंध, परिवारवाद खा जाता था विकास

लखनऊ: "अपना घर" का सपना संजोने वाले 05 लाख 51 हजार ग्रामीण परिवारों का ख्वाब आखिर पूरा हो गया। बुधवार को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्हें "अपने घर" की चाभी मिली तो आंखें खुशी से भर आईं। जीवन के इस बेहद खास मौके को किसी ने अविस्मरणीय बताया तो कोई मोदी-योगी को धन्यवाद देते […]

लखनऊ: "अपना घर" का सपना संजोने वाले 05 लाख 51 हजार ग्रामीण परिवारों का ख्वाब आखिर पूरा हो गया। बुधवार को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्हें "अपने घर" की चाभी मिली तो आंखें खुशी से भर आईं। जीवन के इस बेहद खास मौके को किसी ने अविस्मरणीय बताया तो कोई मोदी-योगी को धन्यवाद देते न थक रहा था।

मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बने 5.51 लाख आवासों की चाभी संबंधित परिवारों को सौंपी। अयोध्या, सोनभद्र, रायबरेली की 05 लाभार्थियों को सीएम ने प्रतीकात्मक चाभी दी, जबकि लाखों लोग वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े थे। गृह प्रवेश कर रहे लोगों को बधाई देते हुए सीएम योगी ने कहा कि 30 सालों में यूपी में 54 लाख लोगों को आवास की सुविधा मिली, जबकि बीते चार सालों में ही 41 लाख 73 हजार से ज्यादा परिवारों का अपने घर का सपना पूरा हुआ। पूर्ववर्ती सरकारों की नीतियों को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि चार साल पहले भी ऐसी योजनाएं चलतीं थीं, लेकिन सरकार की खराब नीयत के चलते गरीबों को मिलने वाले रुपयों में सेंध लग जाया करती थी। विकास को जातिवाद, क्षेत्रवाद और परिवारवाद खा जाता था। किसान, नौजवान, और महिला विकास इनके एजेंडे में कहीं था ही नहीं। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनधन खाते और डीबीटी सिस्टम के माध्यम से ऐसी व्यवस्था कर दी है कि गरीब की पाई-पाई सीधे उस तक पहुंचती है। मुख्यमंत्री ने आवास योजना में 70 फीसदी से अधिक महिला लाभार्थियों का होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में अच्छा प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण समाज का एक ऐसा वर्ग जो लंबे समय तक उपेक्षित रहा है, समाज की मुख्यधारा से अलग था, को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम किया जा रहा है। सभी बेघर अथवा कच्चे मकानों में रह रहे परिवारों को 2022 तक बुनियादी सुविधा युक्त पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए जोर-शोर से काम चल रहा है।

अद्भुत है लन्दनपुर की एकीकृत ग्रामीण टाउनशिप
लखीमपुर जिले के लन्दनपुर ग्रंट गाँव में ग्रमीण टाउनशिप के विकास की अभिनव पहल के लिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया। वहीं सीएम ने इस टाउनशिप की परिकल्पना के लिए तत्कालीन सीडीओ अरविंद सिंह (वर्तमान में वीसी, कानपुर विकास प्राधिकरण) की सराहना करते हुए कहा कि लन्दनपुर में पीएम/सीएम आवासीय योजना को एकीकृत टॉउनशिप के रूप दिया जाना शानदार है। यहां आवास के साथ-साथ गो संरक्षण केंद्र, शौचालय, शानदार सड़कें, लाइट, घर घर बिजली, सिलेंडर, पार्क, हर घर को एक गाय आदि उपलब्ध कराना बेहतरीन है। स्मार्ट विलेज की परिकल्पना जो मोदी जी ने की है उसको ये साकार करता हुआ दिखाई दे रहा है। लन्दनपुर ग्रामीण टाउनशिप के संबंध में प्रस्तुतिकरण देखते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रयास पूरे प्रदेश में होने चाहिए। उन्होंने टाउनशिप में ओपन जिम की स्थापना के भी निर्देश दिए।

हमार घर बन गइल, जुग-जुग जियें मोदी-योगी
घर की चाभी लेते हुए खुशी से सराबोर लाभार्थियों को जब मुख्यमंत्री से बात करने का मौका आया तो उनकी भावनाएं छलक पड़ीं। अयोध्या की 71 वर्षीय प्रेमा देवी ने देशज भाषा में घर का सपना पूरा करने के लिए पीएम-सीएम की जोड़ी को धन्यवाद दिया तो रायबरेली की अंशु देवी ने बताया को पिछली बरसात में उनका कच्चा घर ढह गया था, ऐसे मुश्किल दौर में पक्का घर मिलना जीवन बदलने वाला है। इसी तरह, काशी की मीरा देवी, कुशीनगर की संगीता और सोनभद्र के बरई ने कच्चे/फूस के घर की दुश्वारियों को सीएम से साझा किया और पक्का मकान मिलने पर धन्यवाद दिया। सीएम योगी को बारी-बारी से सभी ने बताया कि उन्हें न केवल घर, बल्कि आयुष्मान कार्ड, राशन, गैस सिलेंडर, बिजली कनेक्शन और शौचालय भी मिला है। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशन में बने   इन आवासों का मतलब केवल मकान नहीं, बल्कि सम्पूर्ण घर का होना है। इसीलिए हर परिवार की सभी मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जा रहा है।

इससे पहले, ग्राम्य विकास विभाग के मंत्री राजेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना को गरीब परिवारों के लिए एक क्रांति सरीखा बताया। उन्होंने कहा कि आज गरीब, पिछड़ा, वंचित तबका शासन की नीतियों के केंद्र में है। इनका विकास हमारी प्राथमिकता है। कार्यक्रम में आभार ज्ञापन विभागीय मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ला ने किया।

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