उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में विकास के लिए संकल्पित

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में विकास के लिए संकल्पित है। इसकी बानगी वाराणसी में देखने को मिल रही है। सरकार दशाश्वमेध घाट के पास दशकों से ख़ाली पड़ी जगह को मल्टीस्टोरी व्यवसायिक केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। पर्यटन की दृष्टि से दशाश्वमेध घाट और ये क्षेत्र बेहद महत्पूर्ण है। […]

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में विकास के लिए संकल्पित है। इसकी बानगी वाराणसी में देखने को मिल रही है। सरकार दशाश्वमेध घाट के पास दशकों से ख़ाली पड़ी जगह को मल्टीस्टोरी व्यवसायिक केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। पर्यटन की दृष्टि से दशाश्वमेध घाट और ये क्षेत्र बेहद महत्पूर्ण है। क्योंकि यहीं से एक रास्ता बाबा विश्वनाथ के दरबार तक भी जाता है। इस काम्प्लेक्स में बनारसी खान पान के साथ ही बनारसी पहनावा समेत वाराणसी की ख़ास वस्तओं की दूकाने होंगे। दशाश्वमेध घाट पुनर्विकास परियोजना में विस्थापित दुकानदारों को इस काम्प्लेक्स में समायोजित भी किया जाना है।

वाराणसी आने वाला पर्यटक गंगा में आस्था की डुबकी लगाने ,गंगा आरती या अध्यात्म की तलाश में घाटों पर जरूर जाता है। दशश्वमेध घाट की सीढ़ियां उतरने के ठीक पहले दशकों से बेक़ार पडी अर्धनिर्मित जग़ह को योगी सरकार काम के लायक बना रही है। यहाँ तीन मंजिला काम्प्लेक्स बन रहा है। जिससे करीब 200 लोगों को दुकान और सैकड़ो लोगो को रोज़गार मिलेगा। वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि यहाँ तीन मंजिले काम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। लोअर ग्राउंड फ्लोर पर 68 अपर ग्राउंड फ्लोर पर 42 फ़ूड कोर्ट के लिए आरक्षित होगा। बेसमेंट का पुनर्विकास करते हुए 72 दुकानों का प्रावधान के साथ अन्य प्रयोजन के लिए स्थल आरक्षित किया गया है।

अब पर्यटकों को बनारस के मशहूर खान-पान के लिए शहर में भटकना नहीं पड़ेगा। पूड़ी कचौड़ी ,जलेबी ,ठंडाई ,लस्सी, मलइयो ,और बनारसी पान सब एक ही जगह मिलेगी। इसके अलावा आपको बनारसी साड़ी या बनारस का हैंडीक्राफ्ट जैसे लकड़ी का खिलौना ,ग़ुलाबी मीनाकारी ,जरदोज़ी जैसा कोई भी सामान खरीदना होगा तो सभी चीजें यहाँ मिलेगी। पूजन सामग्रियों की भी यहाँ दुकानें मौजूद रहेगी।

ईशा दुहन ने जानकारी दी कि काम्प्लेक्स में सीढ़ियों के साथ-साथ बुज़ुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए लिफ्ट एवं ऐस्कीलेटर का भी प्राविधान किया गया है। साथ ही सर्फेस डेवलपमेन्ट के अन्तर्गत भूतल पर पर्यटकों के आराम से बैठने के लिए स्टोन फ़्लोरिंग एवं पाथवे भी बनाया जाएगा। साथी ही पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए हरियाली का भी ध्यान रखा गया है।

पुरे काम्प्लेक्स का निर्माण 3082.04 वर्गमीटर में हो रहा है। लोअर ग्राउंड फ्लोर 991.14 वर्गमीटऱ ,अपर ग्राउण्ड फ्लोर 922.96 वर्गमीटर , प्रथम तल पर 922.96 वर्गमीटर क्षेत्रफ़ल में है। इसकी परियोजना की कुल लागत रू0 28.54 करोड़ अनुमानितहै। परियोजना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के वित्त पोषण के अन्तर्गत कराया जा रहा है। वर्तमान में स्थल पर लगभग 25 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। दिसम्बर-2021 तक काम्प्लेक्स पूरा किये जाने का लक्ष्य है।

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