नई दिल्लीः यूपी की योगी सरकार प्रदेश के मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का भी सर्वे (Waqf Board properties survey) करवाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने एक महीने के भीतर सर्वे पूरा करवाने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जाए।
नई दिल्लीः यूपी की योगी सरकार प्रदेश के मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की संपत्तियों का भी सर्वे करवाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक महीने के भीतर सर्वे पूरा करवाने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जाए। इतना ही नहीं प्रदेश भर के 75 जिलों में जितनी भी जमीनें हैं। उन्हें वक्फ के नाम से अभिलेखों में दर्ज कराया जाए।
गौरतलब है कि इस सर्वे के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होंगी। योगी सरकार में उप सचिव शकील अहमद द्वारा लिखा गया पत्र। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण के निदेशक और सर्वेक्षण आयुक्त, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों, सीईओ शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड और राजस्व अधिकारियों को संबोधित है।
पत्र में कहा गया है कि सभी वक्फ संपत्तियों को 1995 के वक्फ अधिनियम के उल्लंघन के रूप में पंजीकृत किया गया है या अप्रैल 1989 में पारित एक जीओ के तहत, जो उसर, बंजार और भीता भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति देता है, की जांच की जानी चाहिए। इसके पीछे योगी सरकार की मंशा वक्फ प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे और बिक्री को रोकने की है। इस सर्वे के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होंगी।
आदेश के मुताबिक यूपी में प्रदेश के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच होगी। साथ ही सरकार ने राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश को भी निरस्त करते हुए हुए जांच एक माह में पूरा करने के निर्देश सभी जिलों को दिए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)