नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शुक्रवार की नमाज से पहले पूरे राज्य में पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) के खिलाफ टिप्पणी पर कुछ दिनों बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। उनकी इस टिप्पणी पर पिछले शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदेश में कुछ हिस्सों में हिंसा और हंगामा हुआ था। इसलिए एहतियातन यह कदम उठाया गया है ताकि राज्य में शांति बहाल रह सके।
रिपोर्टों के अनुसार, राज्य पुलिस ने राज्य में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य के धार्मिक नेताओं के साथ बैठकें कीं। यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी इसके तहत आने वाले मस्जिद प्रबंधनों से विवादास्पद बयानों की अनुमति नहीं देने को कहा है।
इस बीच, पुलिस ने प्रयागराज, सहारनपुर, हाथरस, अलीगढ़, फिरोजाबाद और राज्य के अन्य जिलों में 10 जून की हिंसा के सिलसिले में 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
एडीजीपी (कानून) ने कहा, “हमने जुमे की नमाज के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। धार्मिक गुरुओं, नागरिक समाज और शांति समितियों के सदस्यों के साथ बैठकें जिलों में हुईं। इन बैठकों में रेंज और जोन के वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित एसएचओ भी शामिल हुए।” कुमार ने कहा कि पुलिस ने राज्य में शांति बनाए रखने के लिए रक्षा और “डिजिटल” स्वयंसेवकों की मदद ली है।
एक टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में किए गए मार्च के दौरान पिछले शुक्रवार को यूपी के कई शहरों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए।
यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा कि उन्होंने मस्जिद प्रबंधन से 10 जून की हिंसा को ध्यान में रखते हुए विवादास्पद बयानों की अनुमति नहीं देने को कहा है।
बोर्ड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “बोर्ड के अधीन आने वाली मस्जिदों से राज्य में सांप्रदायिक माहौल खराब करने वाले भाषणों और बयानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।”
बयान में कहा गया है कि सभी प्रबंधन समितियों/मस्जिदों के प्रशासकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया जाए जिससे शांति प्रभावित हो।
(एजेंसी इनपुट के साथ)