लखनऊ: राज्य सरकार प्रदेश में स्कूली बच्चों को पढाई के साथ उनको खेलों में भी अव्वल बनाने का कार्य कर रही है। इसके लिये स्कूली खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेल सामग्री के लिए बजट दिया गया है। इतना ही नहीं प्रत्येक जनपद में कम से कम 02 विद्यालयों के परिसर की अतिरक्त भूमि को खेल परिसर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सरकार ने स्कूली बच्चों को खेल सामग्री उपलब्ध कराने के लिये प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय को 5000 रुपये और प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय को 10000 रुपये की धनराशि समग्र शिक्षा अभियान के तहत दी है। सरकार गांवों, जनपदों और शहरों में खिलाड़ियों को तैयार करने की बड़ी तैयारी कर रही है। इसके लिए पहली बार प्रदेश में गांवों में ग्रामीण स्टेडियम बनाने का काम शुरु हुआ है। इस कड़ी में 81 ग्रामीण स्टेडियमों की स्थापना कराई जा चुकी है जबकि 20 स्टेडियमों का निर्माण कार्य चल रहा है। इन स्टडियमों में खेलों की सुविधाएं देने के साथ खिलाड़ियों की डाइट और उनके प्रशिक्षण के लिये हर संभव प्रबंध किये जा रहे हैं।
स्कूली खेलों को बढावा देने और स्कूली बच्चों को खेलने का मौका देने के लिये जनपद, मण्डल, जोन और राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराने की भी रणनीति तैयार की जा रही है। राज्य सरकार खेलो इंडिया-खेलो के विकास के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत प्रदेश के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की बड़ी पहल कर रही है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की कमान जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभाली है तब से आज तक प्रदेश में खिलाड़ियों की सुविधाओं में लगातार बढ़ोत्तरी होती जा रही है। खिलाड़ियों को खेलने के अवसर मिल रहे हैं और उनको खेल में विशिष्ठता के आधार पर विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां भी मिली हैं।
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