लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने किसानों के लिए दिए गए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान को झूठ का पुलिंदा बताया। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार नेता होने के नाते अखिलेश को बयान देने से पहले किसानों के हित में किए गए योगी सरकार के कार्यों को देख लेना चाहिए था। योगी सरकार ने कार्यभार संभालते ही प्रदेश के 86 लाख से अधिक सीमांत किसानों को बड़ी राहत देने का काम किया था। सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों का 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ कर उनको राहत दी थी।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया किसानों के लिए योगी सरकार के उठाए गए कदमों से अंजान है। वह जमीनी हकीकत को देखना नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी अपना जनाधिकार खोती जा रही है। 2012 से 2017 के बीच सपा सरकार में चीनी मिलों को बेचने और बंद करने का काम किया गया लेकिन प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बंद चीनी मिलों को चालू कराकर लाखों गन्ना किसानों को राहत देने का काम किया गया। प्रदेश में आज 119 चीनी मिलों का संचालन किया जा रहा है। चीनी मिलों का गन्ना मूल्य भुगतान में यूपी सरकार ने रिकार्ड बना दिया है। सरकार पिछले तीन सालों में प्रदेश की 119 चीनी मिलों का गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान कर चुकी हैं। वहीं, इस साल चीनी मिलों का 21228.61 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव सिर्फ हवा-हवाई बताते करते हैं। वह सच्चाई को देखना नहीं चाहते हैं। योगी सरकार ने साढ़े चार सालों में गन्ना किसानों को रिकार्ड 1 लाख 37 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। किसानों के हित की बात करने वाले अखिलेश यादव के कार्यकाल में 95 हजार करोड़ रुपए का भुगतान ही किया गया था। प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। किसानी को तकनीक से जोड़ा जा रहा है। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा। प्रदेश में किसान विज्ञान केन्द्र खोले जा रहे हैं।
लक्ष्य से अधिक हुई खरीद
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि कोरोना काल की विषम परिस्थितियों के बावजूद भी इस वर्ष गेहूं खरीद में रिकॉर्ड बना है। वर्तमान रबी सीजन में अब तक 55.93 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद हो चुकी है, जबकि 89 फीसदी किसानों को भुगतान भी हो चुका है। शेष भुगतान यथाशीघ्र करा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने अब तक के कार्यकाल में गेहूं खरीद के 200 लाख मीट्रिक के लक्ष्य से अधिक 220 मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर चुकी है, जो लक्ष्य का 110 प्रतिशत है। इससे 45,74,574 किसानों को लाभ मिला है। किसानों को अब तक सरकार 36500 करोड़ से अधिक का भुगतान कर चुकी है। वहीं किसानों के हित की बात करने वाली अखिलेश सरकार में 2012-17 के बीच लक्ष्य से 42.51 फीसदी ही गेहूं खरीद की गई थी। अखिलेश सरकार में 222 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य था लेकिन किसानों से 94.38 लाख मीट्रिक टन ही गेहूं खरीद की गई। किसानों को भुगतान करने में अखिलेश सरकार फिसडडी साबित हुई है। अखिलेश सरकार में 12808.67 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया गया।
उन्होंने कहा यह शर्म की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश सत्ता के लोभ में प्रदेश की जनता को इस ढंग से गुमराह कर रहे हैं। उनको पता होना चाहिए कि ड्राइंग रूम में बैठ कर राजनीति नही होती है बल्कि जनता के बीच जा कर उनका दुख दर्द साझा करना चाहिए।
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