नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला बीते दिनों लिया था, जिसके बाद आज से सर्वे का काम शुरू हो रहा है। राज्य में मदरसों के सर्वे करने की शुरूआत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीम के साथ करेंगे।yogi
इनके साथ सर्वे के दौरान शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भी रहेंगे। वहीं यूपी सरकार के निर्देश के अनुसार पांच अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा होगा। जबकि 25 अक्टूबर तक शासन को सर्वे की रिपोर्ट भेजी जाएगी।
वहीं सरकार के इस फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित और दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के ज़माने में आम रही है, फिर भी बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन और अतंकित करने का खेल अनवरत जारी है, जो अति-दुखद और निन्दनीय है।
madaवहीं फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, “मोदी सरकार के मदरसों के आधुनिकरण की योजना के तहत सिर्फ यूपी में और 50,000 शिक्षकों की कुल ₹750 करोड़ तनख्वाह बकाया है। संसद भवन में मैने ही सवाल उठाया था और पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने इस सवाल पर मुझे आश्वासन दिया था कि फंड जल्द तक्सीम कर दिए जायेंगे।
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “टीचरों की ऐसे म’अशी हालात का क्या जिम्मेदार मैं हूं? बकाया फंड देने के लिए सरकार को कौन-से सर्वे की जरूरत है? आधुनिकरण के बहाने मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। बीजेपी शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है। जब मैंने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलजाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के खिलाफ हूं।
असम के बाद योगी सरकार ने यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला लिया था, जिसके बाद से ही इसपर सियासत हो रही है।