उत्तर प्रदेश

मानव के उद्धार की कथा है श्रीमद्भागवत महापुराण: मुख्यमंत्री

भावानुसार प्राप्त होता है श्रीमद्भागवत कथा श्रवण का रस, गोरखनाथ मंदिर में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ पर बोले सीएम योगी

गोरखपुर: मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा (Shrimad Bhagwat Mahapuran Katha) पांच हजार वर्षों से मानव के उद्धार व मुक्ति की कथा बनकर सनातन संस्कृति को अनुप्राणित कर रही है। इस कथा का श्रवण जिस भाव से किया जाता है, सुनने वाले को उसी के अनुसार रस प्राप्त होता है। यह हमें गौरवशाली अतीत का एहसास कराने वाली कथा भी है। श्रीमद्भागवत (Shrimad Bhagwat) की कथा के श्रवण का सौभाग्य प्राप्त होना दुर्लभ क्षण होता है।

सीएम योगी सोमवार अपराह्न गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ पर कथाव्यास व अन्य संतजनों का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। 21 मई तक चलने वाली इस कथा का आयोजन मंदिर परिसर में बने नौ नवीन मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। प्रथम दिन की कथा प्रारंभ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने व्यासपीठ की पूजा करने के बाद कहा कि वेद, पुराण, उपनिषद हमारी हजारों वर्षों की धाती को समेटे हुए हैं। ये पवित्र ग्रंथ जीवन के यथार्थ का ज्ञान कराते हुए हमें सदमार्ग की ओर ले जाते हैं। श्रीमद्भागवत की कथा से आनंद प्राप्ति के साथ ज्ञानवर्धन भी होता है। इस अवसर पर उन्होंने प्रार्थना की कि भगवान गोरखनाथ की कृपा सब पर बनी रहे।

भगवान श्रीकृष्ण का शब्दमय विग्रह है श्रीमद्भागवत : स्वामी राघवाचार्य
इस अवसर पर अयोध्या से आए जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि श्रीमद्भागवत ग्रंथ भगवान श्रीकृष्ण का शब्दमय विग्रह है। उन्होंने अपनी दिव्यदृष्टि को श्रीमद्भागवत में प्रतिष्ठित कर दिया है। स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि सही अर्थों में जो माया का मर्दन कर दे, वह श्रीमद्भागवत महापुराण है। अयोध्या से ही आए बड़े भक्तमाल के महंत अवधेशदास ने सनातन धर्म व संस्कृति के उत्थान में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के कार्यों की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि आज गोरक्षपीठ का नाम पूरे विश्व में जाना जाता है।

हर प्रांत के नागरिक चाहते हैं योगी जी जैसा नेतृत्व : डॉ पाराशर
श्रीमद्भागवत कथा का विधिवत रसपान कराने से पूर्व कथाव्यास, वृंदावन से पधारे डॉ श्याम सुंदर पाराशर ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज प्रदेश में धर्म-अध्यात्म, संस्कृति और राजसत्ता, दोनों ही क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हो रहे हैं। अब तो अन्य प्रांतों के नागरिक भी अपने प्रांत में योगी जी जैसा नेतृत्व चाहते हैं।

मंदिर के गर्भगृह से निकाली गई भव्य शोभायात्रा
श्रीमद्भागवत महापुराण कथा शुभारंभ के अवसर पर गुरु गोरखनाथ मंदिर के गर्भगृह से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। गर्भगृह में मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने विधि विधान से श्रीनाथ जी, अखंड ज्योति एवं पोथी (श्रीमद्भागवत महापुराण ग्रंथ) पूजन का अनुष्ठान संपन्न किया। तत्पश्चात शंख, घंट-घड़ियाल, तुरही, नागफनी आदि वाद्य यंत्रों की गूंज एवं बैंड बाजे के बीच शोभायात्रा कथा स्थल महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन पहुंची। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्यासपीठ के समक्ष अखंड ज्योति व श्रीमद्भागवत महापुराण ग्रंथ को प्रतिष्ठित किया गया। मुख्यमंत्री, संतों व यजमानगण ने व्यासपीठ का पूजन व कथाव्यास का अभिनंदन किया।

भक्ति भाव से निकाली गई शोभायात्रा में मुख्य रूप से कथा व्यास श्रीधाम वृंदावन के डॉ श्याम सुंदर पाराशर, अयोध्या से पधारे जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य, बड़े भक्तमाल अयोध्या के महंत अवधेशदास, कटक (ओडिशा) से आए महंत शिवनाथ, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा, देवीपाटन के महंत योगी मिथलेशनाथ, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, चचाईराम मठ के महंत पंचानन पुरी, श्रीरामजानकी हनुमान मंदिर गोरखनाथ के महंत रामदास, नवनिर्वाचित महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, यजमान गण ओमप्रकाश जालान, अशोक जालान, चंद्रप्रकाश अग्रवाल, श्रवण जालान, अतुल सराफ, शंभू शाह, अमर तुलस्यान, तन्मय मोदी, ओमप्रकाश करमचंदानी, विष्णु प्रसाद अजितसरिया, प्रदीप जोशी, राजेश मोहन सरकार समेत उनके परिजन, मठ के पुरोहितगण, वेदपाठी विद्यार्थी आदि सम्मिलित रहे।