लखनऊः पूरे देश में बर्ड फ्लू फैलता ही जा रहा है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल के एक अधिकारी ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी एवियन फ्लू की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों में कानपुर के चिड़ियाघर में मृत पाईं गईं जंगली मुर्गियों ओर तोतों में से दो के नमूनों में एवियन फ्लू के वायरस की पुष्टि की गई है। इस घटना के बाद से कानपुर प्रशासन हाई अलर्ट पर है। जिला प्रशासन ने चिड़ियाघर के सभी बाड़ों में मौजूद सभी पक्षियों को रविवार शाम तक मारने के आदेश दिया है। इतना ही नहीं, चिड़ियाघर से एक किलोमीटर तक के एरिया को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है और आसपास के एरिया में 10 किमी तक मांस की बिक्री पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि जंगली मुर्गियों के झुंड संभवतः प्रवासी पक्षियों से संक्रमित थे, जो हजारों की तादाद में सर्दियों में चिड़ियाघर की झील में घूमते हैं। हालांकि इस साल, उनकी संख्या लगभग आधी थी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में पशुपालन विभाग ने पोल्ट्री उत्पादों का कारोबार करने वाले किसानों और व्यापारियों से कहा है कि वे मध्य प्रदेश के चिकन और अन्य पोल्ट्री उत्पादों का परिवहन न करें, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सोनभद्र, डॉ एके श्रीवास्तव ने कहा कि बर्ड फ्लू मध्य प्रदेश के कई जिलों में तेजी से फैल रहा है।
हालांकि, बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद 15 दिनों के लिए चिड़ियाघर को बंद किया गया था। लेकिन अब अनिशिचतकाल के लिए चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया है। फिलहाल किसी को भी चिड़ियाघर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। पक्षियों को मारने के लिए चिड़ियाघर में स्वास्थ विभाग की टीम मौजूद है और उनको मारने की तैयारी की जा रही है। चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक यह दुखद है लेकिन प्रोटोकॉल के तहत यह करना ही होगा।
जिस तरह पूरे देश में बर्ड फ्लू फैल रहा है, उसे देखते हुए यूपी सरकार ने पहले ही बचाव के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। चिड़ियाघरों में मांसाहारी जानवरों के खाने के लिए लाई जाने वाली मुर्गियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही अलग-अलग जगहों से चिड़ियों की बीट और उनके रिहायश की मिट्टी को जांच के लिए लैब में भेजा जा रहा है।
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