लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) की नीति रंग ला रही है। प्रदेश में सरकारी विभागों ने जेम पोर्टल के माध्यम से पिछले पांच सालों में 20 हजार 642 करोड़ से अधिक की खरीद कर देश में रिकार्ड कायम किया है।
पिछले वित्तीय वर्ष में रिकार्ड 11 हजार 228 करोड़ की खरीद की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 143 फीसदी ज्यादा है। इसमें 60 फीसदी खरीदारी प्रदेश की एमएसएमई से हुई है।
सीएम योगी ने पिछले कार्यकाल में सरकारी विभागों में होने वाली खरीद में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए जेम पोर्टल से खरीद अनिवार्य कर दी थी और विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी गई थी। जिसका नतीजा यह है कि पिछले पांच सालों में यूपी 20 हजार 642 करोड़ से अधिक की खरीद कर देश में पहले नंबर पर है।
जबकि दूसरे नंबर पर गुजरात ने 74 सौ करोड़ और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश ने पांच हजार करोड़ रुपए की ही खरीद की है। जेम पोर्टल पर 14 हजार से अधिक सरकारी विभाग रजिस्टर्ड हैं और तीन लाख 31 हजार से अधिक विक्रेता हैं। इसमें बड़ी संख्या में सूक्ष्म और लघु उद्यमी भी शामिल हैं।
इन उद्योगों से करीब तीन लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है। अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि जेम पोर्टल से सबसे ज्यादा सरकारी खरीद में तीसरी बार प्रदेश नंबर वन हुआ है। इससे पहले केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवार्ड और 2019 में सुपर बायर अवार्ड से सम्मानित किया था।
साल दर साल किया रिकार्ड कायम
प्रदेश के विभिन्न विभागों ने जेम पोर्टल से सरकारी खरीद में साल दर साल रिकार्ड कायम किया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1692 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2443 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4611 करोड़ की खरीदारी की गई है। इस तरह वित्त वर्ष 2021-22 में 11,228 करोड़ की खरीद की गई है।