लखनऊ: अयोध्या (Ayodhya) में राम लला (Ram Lala) का मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है। अब तो उसका स्वरूप भी दिखने लगा है। निर्माण कार्यों के दौरान ही श्रीराम जन्मभूमि मंदिर (Shri Ram Janmabhoomi Mandir) के जलाभिषेक की तैयारी शुरू हो गई है। देश ही नहीं, दुनिया भर की नदियों और समुद्र के जल से अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में अभिषेक किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) 23 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर 155 देशों की नदियों के जल से राम लला का जलाभिषेक करेंगे।
इस भव्य जलाभिषेक के लिए दुनियाभर देशों से लाए गए जलकलश पर उन देशों के झंडे, उनके नाम और नदियों के नाम वाले स्टीकर लगाए जायेंगे। इस कार्यक्रम में कई देशों के राजदूत भी शामिल होंगे। और प्रभु श्री राम का जलाभिषेक करेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि विजय जौली के नेतृत्व में एक दल 155 देशों की नदियों का पानी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ 23 अप्रैल को मनीराम दास छावनी सभागार में ‘जल कलश’ की पूजा करेंगे।
दिल्ली की एक गैर सरकारी संस्था दिल्ली स्टडी ग्रुप ने साल 2020 में जल इकट्ठा करने की इस मुहिम की शुरुआत की थी। इस संस्था के अध्यक्ष दिल्ली के पूर्व भाजपा विधायक विजय जौली हैं। दुनिया भर की नदियों का जल इकट्ठा हो चुका है तो श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का जलाभिषेक करने के पहले विजय जौली गुरुवार को अयोध्या पहुंचे और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से विचार-विमर्श किया। उनका कहना है कि स्वर्गीय अशोक सिंघल जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से प्रेरणा लेकर मैंने प्रण किया था कि विश्व भर के नदियों और समुद्रों का जल हम भारत में एकत्रित करेंगे और उस जल से प्रभु श्रीराम के राम मंदिर का जलाभिषेक संपन्न करेंगे।
पाकिस्तान की राबी नदी समेत दुनिया भर में बहने वाली नदियों में बहने वाले जल को बड़ी शिद्दत से इकट्ठा किया गया है। यहां तक कि युद्ध के दौरान ही रूस और यूक्रेन की नदियों के जल को भी एकत्रित किया गया है। इन इकट्ठा किए गए जल से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के अभिषेक कार्यक्रम को बृहद स्वरूप देने के तैयारी है।
पाकिस्तान के हिंदू मित्रों ने राबी का जल दुबई के रास्ते भेजा
विजय जौली ने बताया कि जब मैंने पाकिस्तान में अपने मित्रों से बात की तो उन्होंने हिंदुओं के उत्पीड़न की बात उठाई, उन्होंने उस जल को भेजने में अपनी असमर्थता दर्शाई, लेकिन जल भेजा, मैं पाकिस्तान के उन हिंदू मित्रों भाइयों को प्रणाम करता हूं जिन्होंने सार्थकता, सजगता से सक्रियता से राबी नदी के जल को पाकिस्तान से पैक करके दुबई भेजा और दुबई से मैंने उसको भारत में मंगवाने में सफलता हासिल की।
इस कार्यक्रम में देश ही नहीं विदेशों के भी राजनयिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करने की तैयारी है।
बता दें कि श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के समय भी नींव में देश की पवित्र नदियों के जल और पवित्र स्थानों की मिट्टी डाली गई थी।