उत्तर प्रदेश

किसानों का मसीहा कहे जाने वाले राकेश टिकैत, 80 करोड़ के हैं मालिक, 13 शहरों में है उनकी संपत्ति

नई दिल्लीः कृषि कानूनों (Farm Law) का विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन को 2 महीने से ऊपर हो गये हैं। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। हालांकि केन्द्र सरकार (Central Government) ने कहा है कि किसानों के लिए बातचीत का रास्ता हमेशा खुला हुआ है। 26 जनवरी (26 January) की हिंसक घटना […]

नई दिल्लीः कृषि कानूनों (Farm Law) का विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन को 2 महीने से ऊपर हो गये हैं। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। हालांकि केन्द्र सरकार (Central Government) ने कहा है कि किसानों के लिए बातचीत का रास्ता हमेशा खुला हुआ है। 26 जनवरी (26 January) की हिंसक घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने अपने आपको इस आंदोलन से अलग भी कर लिया। लेकिन भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) आंदोलन को खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं और वो अभी भी अपने समर्थकों के साथ दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर पर जमें हुए हैं। जब भी कोई किसानों का आंदोलन होता है तो राकेश टिकैत का नाम जरूर सामने आता है। क्या आप जानते हैं कि ये राकेश टिकैत के बारे में।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत कभी दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में सब-इंस्पेक्टर (Sub Inspector) थे। लेकिन आज वो करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। किसानों की राजनीति राकेश टिकैत को विरासत में मिली है। उनके दिवंगत पिता महेंद्र सिंह टिकैत (Mahendra Singh Tikait) भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष थे। उनके जाने के बाद राकेश टिकैत ने उनकी विरासत को संभाला है। राकेश टिकैत ने 2007 में मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) की खतौली (Khatoli) विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गए थे। 2014 में फिर से उन्होंने अमरोहा (Amroha) जिले से राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वहां भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।

कौन है राकेश टिकैत?
राकेश टिकैत का जन्म 4 जून 1969 को उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव में हुआ था। राकेश टिकैत ने मेरठ यूनिवर्सिटी से एम.ए. की पढ़ाई पूरी की। एमए करने के बाद उन्होंने एलएलबी की और वकील बन गए। 1992 में राकेश टिकैत दिल्ली में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे। 

क्यों छोड़ी नौकरी?
1993-1994 में दिल्ली में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में किसान आंदोलन चल रहा था। जिसे खत्म करवाने के लिए सरकार ने राकेश टिकैत पर दबाव डाला कि वो अपने पिता को आंदोलन खत्म करने के लिए मनाएं। इसी दबाव में राकेश टिकैत ने अपना दिल्ली पुलिस की नौकरी छोड़ दी और किसान आंदोलन से जुड़ गए।

80 करोड़ के हैं मालिक
भारतीय किसान संघ के हिसाब से किसानों की औसत मासिक आय 6400 रुपये से भी कम है। लेकिन दूसरी तरफ राकेश टिकैत हैं, जो अपने आपको किसान कहते है, कथित तौर पर 80 करोड़ रुपये से ऊपर की संपत्ति के मालिक हैं।

13 शहरों में है उनकी संपत्ति
डीएनए में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, टिकैत के पास उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली सहित चार राज्यों में संपत्ति है। इसके अलावा, मुजफ्फरनगर, ललितपुर, झांसी, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, बदायूं, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, देहरादून, रुड़की, हरिद्वार और मुंबई सहित 13 शहरों में उनकी संपत्ति है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि टिकैत के कई पेट्रोल पंप, ईंट भट्टे, शोरूम आदि जैसे कई व्यवसाय हैं। बीकेयू नेता के एक बेटा और दो बेटियां हैं -बेटे का नाम गौरव टिकैत और बेटियां सीमा और ज्योति। उनकी बेटियां ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं और उन्होंने 8 फरवरी को मेलबोर्न में प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया था।

मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा पिछले चार महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर नए शुरू किए गए कृषि कानूनों का विरोध चल रहा है। कांग्रेस पार्टी सहित पूरे विपक्ष ने विरोध करने वाले किसानों को अपना सपोर्ट दिया है।

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