लखनऊ: यह सिर्फ ओमप्रकाश राजभर और माफिया मुख़्तार अंसारी का ही मिलन नहीं। यह तुष्टीकरण की उसी राष्ट्रघाती राजनीति का सबूत है जिसकी चर्चा अक्सर भाजपा करती है। कल अखिलेश ने जिन्ना की जो तारीफ की थी, वह भी इसी की कड़ी थी। दरअसल सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के मुखिया मुख्तार से जेल में मिलने अपने मन से नहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के कहने पर उनके दूत के रूप में गये थे। यह बातें उत्त्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बुधवार को जारी एक बयान में कही।
सिद्धार्थनाथ ने कहा कि दो कथित महापुरुषों का मिलन ही इस बात का संकेत है कि इनके राजनीति की दशा और दिशा क्या होगी। इनका गठबंधन, महाठगबन्धन है। इस नापाक गठबंधन के मंसूबे अब पूरे होने वाले नहीं। अराजकता के वे दिन और दौर कभी नहीं लौटने वाले। क्योंकि सूबे की जनता ने अब जेल में बंद मुख़्तार सरीखे नेताओं को राजनीति से दूर करने का मन बना लिया है। अब मुख़्तार सरीखे नेता जेल में ही रहेंगे और ऐसे दागी नेताओं से नाता रखने वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव तथा ओम प्रकाश राजभर जैसों को सूबे की जनता राजनीति के अपराधीकरण करने के लिए सबक सिखाएगी।
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