लखनऊः प्रयागराज (Prayagraj) में माघ मेले (Magh Mela) प्रमुख स्नानपर्व मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर संगम तट (Sangam Ghat) पर लोगों की आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने गुरुवार को मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयाग में संगम पर पवित्र स्नान और पूजा की। प्रियंका खुद ही नाव चलाते हुए वापस घाट पर पहुंचीं और नाविक को दो हजार रुपये इनाम में दिए। हालांकि प्रयाग आगमन पर कांग्रेस नेता को उनकी यात्रा के दौरान कोई ‘वीआईपी ट्रीटमेंट’ नहीं दिया जा रहा है।
कांग्रेस के आफिशियल ट्वीटर हैंडल पर उनकी तस्वीरे शेयर करते हुए लिखा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संगम तट पर मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर गंगा स्नान कर सूर्य को पवन जल अर्पण करके देश की खुशहाली व तरक्की की कामना की।
जिस समय वह स्नान और पूजा के लिए जा रही थी, उनके साथ उनकी बेटी मिराया व कुछ अन्य लोग भी थे। प्रियंका गांधी जब बोट पर सवार होकर संगम की ओर चलीं, उस वक्त योगी सरकार हेलीकॉप्टर के जरिए माघ मेले में मौजूद श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा करवा रही थी। प्रियंका गांधी व उनके साथ आए लोगों पर भी फूलों की बारिश हुई।
धर्मनगरी प्रयागराज में मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर आज कल्पवासियों एवं श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा सनातन संस्कृति व आस्था को नमन है।
यहां सभी श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए गए हैं।
पवित्र संगम में आस्था की डुबकी सभी के लिए मंगलमय हो।#यूपी_में_पुष्प_वर्षा pic.twitter.com/tT8O1BVmb4— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 11, 2021
केपी सिंह, आईजी प्रयागराज, ने कहा, ‘‘जैसा कि आज मेला (मौनी अमावस्या) का दिन है, हम किसी को भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं देंगे। कोई प्रोटोकॉल नहीं है, वे एक सामान्य व्यक्ति की तरह आ सकते हैं और अनुष्ठान में भाग ले सकते हैं।”
प्रियंका का सुबह 11 बजे प्रयागराज पहुंचने का कार्यक्रम था। वह संगम पर माघ मेले में भी गईं। कांग्रेस नेता अतीत में नेहरू परिवार के निवास आनंद भवन में रहेंगी, जिसे अब एक संग्रहालय में बदल दिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने एक सूत्र के हवाले से कहा, ‘‘उनकी यात्रा के दौरान किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम की योजना नहीं बनाई गई है। वह शाम को दिल्ली लौट आएंगी।’’
संगम में उनका इस तरह अचानक आना और पवित्र स्नान को राज्य में हिंदुत्व कैडर के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में अपने समर्थन के आधार को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है।
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