नई दिल्लीः मुरादनगर श्मशान हादसे में योगी काफी नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने आदेश दिया है कि जितना भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई आरोपियों से की जाएगी और तुरंत प्रभाव से इनकी कंपनी को काली सूची में डाल दिया गया है। अब भविष्य में वो उत्तर प्रदेश में कभी भी सरकारी ठेका नहीं ले सकते। साथ ही सभी आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 (रासुका) लगाई जाएगी। मृतकों के परिजनों को राहत देते हुए उन्हें 10-10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही मृतकों के उन आश्रितों को घर भी दिया जाएगा, जिनके पास अपना घर नहीं है।
मुख्यमंत्री की नाराजगी के चलते इस मामले में अधिकारियों ने कार्रवाई में तेजी लाते हुए सोमवार को ईओ निहारिका सिंह, जेई चंद्रपाल सिंह और सुपरवाइजर आशीष को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ठेकेदार अजय त्यागी जो फरार चल रहा था, उसे भी यूपी पुलिस ने दबोच लिया है। बता दें कि ठेकेदार अजय त्यागी की गिरफ्तारी पर गाजियाबाद के एसएसपी ने उसके ऊपर 25 हजार का इनाम रख दिया था। इस हादसे में 24 लोगों की मौत हो चुकी है और कई बुरी तरह से घायल है, जिनका जिला अस्पताल में ईलाज चल रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुरादनगर की छत ढहने की घटना में जान गंवाने वालों के लिए 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाया जाए। वहीं सीएमओ ने एजेंसी को बताया कि मुरादनगर छत गिरने की घटना में इंजीनियर और ठेकेदार से नुकसान की वसूली की जाएगी। सीएम ने ठेकेदार को काली सूची में डालने और मृतक के परिवार के सदस्यों को घर देने का आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद एसएसपी ने अजय त्यागी की गिरफ्तारी के लिए सोमवार को ही पांच टीमों को लगा दिया था। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि अजय त्यागी शहर से बाहर है। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गाजियाबाद के बाहर से अजय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मंगलवार को अजय त्यागी को कोर्ट में पेश कर सकती है।
सोमवार को, पुलिस ने एक जूनियर इंजीनियर सहित दो और लोगों को इस दुर्घटना का जिम्मेदार बताते हुए गिरफ्तार किया था। इस दुर्घटना में 24 लोगों की जान चली गई और कम से कम 17 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने इस दुर्घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति की भी घोषणा की, क्योंकि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस की भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई।
उखलारसी श्मशान घाट पर सुबह करीब 11.30 बजे छत गिर गई थी, जब शनिवार की रात जय राम का अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिम संस्कार में लगभग 50-60 लोग मौजूद थे। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के मौके पर पहुंचने के बाद ही मलबे के नीचे फंसे लोगों को बचाया जा सका। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को भी ढहाने वाली जगह पर भेजा गया था।
गाजियाबाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं 304, 337 और 338 के तहत एफआईआर दर्ज की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। अधिकारियों को मामले की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। कमिश्नर और गाजियाबाद के डीएम समेत कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। मुरादनगर की घटना से व्यथित और नाराज मुख्यमंत्री सोमवार को अधिकारियों पर जम कर बरसे। उन्होंने प्रत्येक पीड़ित के परिवार के सदस्यों को 2 लाख रुपये के वित्तीय मुआवजे की भी घोषणा की।
50 लाख रुपये में लिया था टेंडर
श्मशान घाट का जीर्णोद्धार कार्य नगर पालिका की तरफ से कराया जा रहा था। ठेकेदार अजय त्यागी ने 50 लाख रुपये में यह टेंडर लिया था। बताया जा रहा है कि वह पिछले 12 सालों से नगर पालिका में ठेकेदारी का काम कर रहा था। वह यहां का बड़ा ठेकेदार बताया जाता है। जिस बरामदे का लिंटर गिरने से इतने लोगों की जान चली गई, उसे मात्र दो महीने पहले ही बनाया गया था।
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