लखनऊ: प्रदेश में मिशन शक्ति चौथे चरण की शुरूआत जल्द होगी। प्रदेश में महिलाओं और बेटियों के उत्थान के और उनके सुरक्षा सम्मान व स्वावलंबन के लिए शुरू किए गए इस महाभियान से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की परिवेश से जुड़ी महिलाओं व बेटियों को संबल मिला है। ऐसे में मिशन शक्ति के बेहतर परिणामों के चलते योगी सरकार 2.0 में इस अभियान को गति देने की कवायद शुरू हो गई है, जिसके लिए जल्द ही एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी।इसके तहत सभी विभागों को चिन्हित करते हुए महिलाओं और बेटियों पर आधारित योजनाओं को तैयार किया जाएगा। मिशन शक्ति अभियान से प्रदेश भर की महिलाएं सुरक्षित माहौल में रहकर स्वावलंबी बनकर सम्मानपूर्वक अपना जीवन जी रही हैं।
प्रदेश में योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में मिशन शक्ति अभियान के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में सभी जिलों में वृहद जागरूकता अभियान चलाने के संग ही स्वर्णिम योजनाओं से बेटियों और महिलाओं को जोड़ा गया। महिला एवं बाल विकास विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से मिशन शक्ति अभियान के तीसरे चरण के तहत दिसंबर 2021 तक केवल चार माह में 28 लाख 32 हजार से अधिक लोगों को जागरूक किया गया था। तीनों चरणों में अब तक 10 करोड़ से अधिक लोगों को जागरूक किया जा चुका है। विभाग की ओर से अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों के प्रति हिंसा से जुड़े विभिन्न कानूनों व प्रावधानों के बारे में लोगों जागरूक करने का कार्य सभी जिलों में किया गया। जिसमें महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, नशे में मारपीट, तस्करी, बाल विवाह,भेदभाव, बालश्रम आदि अन्य शोषणों के विरुद्ध विशेष कार्यक्रमों को आयोजित किया गया था।
सभी महिलाओं तक पहुंची योजनाओं की जानकारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के पात्र लोगों तक लाभ पहुंचाने के लिए अनूठी पहल की। मिशन शक्ति के तीसरे चरण के तहत स्वावलंबन कैंप में निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना समेत दूसरी अन्य योजनाओं की जानकारी देने के साथ साथ योजनाओं के आवेदन भी एक ही छत के नीचे स्वीकार किए गए थे। विभाग की ओर से प्रदेश भर में हक की बात जिलाधिकारी के साथ, कन्या जन्मोत्सव, स्वावलंबन कैंप, मेगा इवेंट, कानूनी जागरूकता अभियान, गुड्डा गुड्डी बोर्ड की स्थापना, मेधावी छात्राओं व जेंडर चैंपियंस का सम्मान जैसे अलग अलग कार्यक्रमों को आयोजित कर उनको उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी किया गया।