लखनऊ: खिलाड़ियों संग वचरुअल बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेरठ हमेशा से ही स्पोर्ट्स आइकन रहा है। इस क्षेत्र के खिलाड़ियों ने प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। मेरठ और आस-पास के क्षेत्र में व्याप्त खेल और खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए ही मेरठ के खेल उत्पाद को एक जिला एक उत्पाद में जोड़ा है। साथ ही खेल विवि भी इसीलिए मेरठ में बन रहा है जिससे पश्चिमी क्षेत्र के साथ ही प्रदेश भर के खिलाड़ियों को लाभ मिल सके।
खिलाड़ी बताएं, कैसी हो सुविधाएं
प्रियंका गोस्वामी, अन्नू रानी, मेराज खान आदि खिलाड़ियों से खेल सुविधाओं और खिलाड़ी की जरूरतों पर मिले सुझाव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल विभाग खिलाड़ियों से सुविधाओं पर फीडबैक लेगा। फीडबैक में खिलाड़ी की जरूरत के अनुरूप सुविधाओं के बारे में विस्तार से विवरण होगा।
खिलाड़ियों संग स्वजन भी उत्साहित
मुख्यमंत्री से वार्ता को लेकर खिलाड़ियों के स्वजन में भी उत्साह दिखा। हालांकि सीएम ने स्वजन से बात नहीं की। वचरुअल बातचीत में खिलाड़ियों के घर उनके कोच व अन्य करीबी भी उपस्थित रहे। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर व क्रीड़ा अधिकारी कपिल त्यागी सौरभ चौधरी के घर मौजूद रहे। उप-क्रीड़ा अधिकारी भूपेंद्र सिंह यादव अन्नू और जिला एथलेटिक संघ के कोच गौरव त्यागी प्रियंका के घर मौजूद रहे।
स्वजन को लखनऊ बुलाकर करेंगे बात
मुख्यमंत्री ने ओलिंपिक जा रहे खिलाड़ियों के स्वजन को लखनऊ बुलाकर सीधे संवाद की बात कही। सीएम ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए यह समय अभ्यास करने का है। स्वजन से बातचीत में समय ज्यादा लगेगा इसलिए स्वजन से लखनऊ में रूबरू होंगे।
खिलाड़ियों पर होगी धनवर्षा
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से ओलंपिक में एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने पर छह करोड़, रजत पदक जीतने पर चार करोड़ और कांस्य पदक जीतने पर दो करोड़ रुपये देगी। टीम इवेंट में स्वर्ण पदक पर टीम के हर खिलाड़ी को तीन करोड़, रजत पदक जीतने पर दो करोड़ और कांस्य पदक जीतने पर एक करोड़ रुपये देगी। ओलिंपिक गेम्स में प्रतिभाग करने वाले हर खिलाड़ी को 10-10 लाख रुपये दिए जाएंगे।
हर जिले में बने सिंथेटिक ट्रैक और खिलाड़ियों को मिलें अच्छे कोच: प्रियंका गोस्वामी
मुख्यमंत्री ने बातचीत की शुरुआत पैदल चाल खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी से करते हुए खेल के सफर के बारे में पूछा। प्रियंका ने बताया कि 12 साल की उम्र में उनका चयन लखनऊ के जिमनास्टिक हास्टल में हुआ लेकिन परिवार से दूर मन नहीं लगने पर मेरठ वापस आ गईं। 11वीं में स्पोर्ट्स स्टेडियम मेरठ में पैदल चाल स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहने पर एक बैग मिला तो खेल में आगे बढ़ी। पिता की नौकरी छूट जाने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बेंगलुरु में प्रशिक्षण कर रहीं प्रियंका से मुख्यमंत्री ने पूछा कि वहां जैसी सुविधा प्रदेश में बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए। प्रियंका ने कहा कि मेरठ में सिंथेटिक ट्रैक नहीं है। हर किसी को अच्छे कोच नहीं मिल पाते हैं।
आगे बढ़ने में गुरुजन की मदद काम आई: वंदना
भारतीय महिला हाकी टीम में फारवर्ड खिलाड़ी के तौर पर शामिल वंदना कटारिया से मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण के बारे में पूछा। वंदना ने बताया कि उनका प्रशिक्षण बेंगलुरु में चल रहा है और काफी अच्छी तैयारी भी है। वंदना ने बताया कि उनके हाकी प्रशिक्षण की शुरुआत सबसे पहले मेरठ से हुई और उसके बाद छह साल तक लखनऊ के हाकी हास्टल में रहीं। वंदना ने बताया कि उनकीकोच पूनमलता राज और विष्णु शर्मा के मार्गदर्शन व उपकरण सहित अन्य मदद मुहैया कराना उनकी सफलताओं में अहम रहा है।
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