उत्तर प्रदेश

Lakhimpur Violence: मृतक किसानों के परिवारों के मिलेंगे ₹45 लाख, सरकारी नौकरी

लखनऊः लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और किसानों के बीच सुलहनामा हो गया है। योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए 4 किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। साथ ही, राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है […]

लखनऊः लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार और किसानों के बीच सुलहनामा हो गया है। योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए 4 किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। साथ ही, राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की है कि उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश इस मामले की जांच करेंगे। 

उत्तर प्रदेश पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी में कल मारे गए चार किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। प्राथमिकी किसानों की शिकायतों के आधार पर दर्ज किया जाएगा। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मामले की जांच करेंगे।’’

एडीजी ने यह भी बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण किसी भी राजनीतिक दल के नेता को जिले का दौरा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इस बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भाजपा कार्यकर्ताओं से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में नहीं जाने की अपील करते हुए कहा कि रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा से किसान नाराज हैं।

रविवार रात सिसोली में बीकेयू मुख्यालय में एक किसान पंचायत को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा हिंसा भड़काकर किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा न करें।

दूसरी तरफ, लखीमपुर खीरी कांड पीड़ितों से मिलने जा रहे कांग्रेस की प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और दूसरे कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। इसके विरोध में गौतमबुद्ध नगर के जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने जा रहे सपा और कांग्रेस के अनेक नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अपर पुलिस उपायुक्त अंकुर अग्रवाल ने बताया कि कानून व्यवस्था के मद्देनजर इन नेताओं को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि जनपद में धारा 144 लागू है और सपा नेता बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

गौरतलब है कि हिंसा उस समय भड़की जब विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक ग्रुप में टिकोनिया में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी किसान, केंद्रीय मंत्री मिश्रा के हाल के एक भाषण से बेहद नाराज थे। किसानों का दावा है कि मंत्री के काफिले की एक कार के प्रदर्शनकारियों पर चढ़ने के बाद हिंसा भड़क गई। घटनास्थल से सामने आए वीडियो में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और कई वाहनों को आग लगाते हुए देखा जा सकता है। हिंसा की इस घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

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