उत्तर प्रदेश

प्रदेश सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियां देश विदेश के निवेशक प्रभावित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 'शो विंडो' कहे जाने वाले गौतमबुद्ध नगर जिले में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में बीते साढ़े चार वर्षों में रिकार्ड तोड़ निवेश आया है। प्रदेश सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों से प्रभावित होकर देश और विदेश के 391 बड़े निवेशकों ने ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के […]

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 'शो विंडो' कहे जाने वाले गौतमबुद्ध नगर जिले में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में बीते साढ़े चार वर्षों में रिकार्ड तोड़ निवेश आया है। प्रदेश सरकार की इंवेस्टर फ्रेंडली नीतियों से प्रभावित होकर देश और विदेश के 391 बड़े निवेशकों ने ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन ली है। ये निवेशक 26,530 करोड़ रुपए का निवेश कर ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री लगा रहे हैं। इन निवेशकों की फैक्ट्रियों में 71,501 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा। 40 प्रतिशत से अधिक लोग स्थानीय युवाओं को इन फैक्ट्रियों में रोजगार मिलेगा। कोरोना संकट के दौरान भी 46 निवेशकों ने अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से भूमि खरीदी है।   

कुल मिलकर अब औद्योगिक निवेश के लिए ग्रेटर नोएडा की तरफ उद्यमियों का रुझान तेजी से बढ़ा है। देश व विदेशों की कई कंपनियां ग्रेटर नोएडा में जमीन पाने के लिए आतुर हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण उनकी मांग पूरी करने के लिये आठ नए औद्योगिक सेक्टर बसा रहा है। इसके लिए करीब 900 हेक्टेयर जमीन प्राधिकरण खरीद रहा है। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सूबे में निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार कराई गई औद्योगिक नीतियां देश तथा विदेश के निवेशकों को रास आ रही हैं। सूबे की आईटी तथा  मैन्युफैक्चरिंग पालिसी, फ़ूड प्रोसेसिंग नीति और सौर ऊर्जा सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए दी गई रियायतों के चलते तमाम बड़े निवेश राज्य में अपनी यूनिट लगाने को महत्व दे रहे हैं। इसके तहत ही बीते साढ़े चार वर्षों में देश एवं विदेश के 391 बड़े निवशक 26,530 करोड़ रुपए का निवेश कर ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री लगा रहे हैं। चीन की विख्यात कंपनी ओप्पो और विवो भी ग्रेटर नोएडा में निवेश कर रही हैं। इसके अलावा हिरानादानी ग्रुप, ड्रीम्सटच इलेक्ट्रानिक्स, इनोक्स एयर, लेमी प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग जैसी कंपनियों ने अपना उद्यम स्थापित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से जमीन खरीदी है।

अधिकारियों के मुताबिक कोरोना महामारी में हर क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ लेकिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इससे अछूता रहा। बीते एक साल में  ग्रेटर नोएडा में फैक्ट्री लगाने के इच्छुक 46 निवेशकों को 1000 वर्ग मीटर से 20 एकड़ तक के भूखंड प्राधिकरण ने उपलब्ध कराए गए। ये 48 निवेशक 2000 करोड़ रुपये का निवेश कर यहां पानी फैक्ट्री लगाएंगे जिसमें करीब  8,200 लोगों को रोजगार मिलेगा। कई और बड़ी कंपनियां भी ग्रेटर नोएडा में निवेश के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह कर रही हैं। नोएडा में निवेश के इच्छुक इन निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराने ले लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब आठ नए औद्योगिक सेक्टर बसा रहा है। इसके लिए करीब 900 हेक्टेयर जमीन प्राधिकरण खरीद रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, जेवर में एयरपोर्ट को हरी झंडी मिलने के बाद से ही इस क्षेत्र में बड़ी कंपनियों का रुझान बढ़ता जा रहा है। बड़ी -बड़ी कंपनियां यहां निवेश को लगातार उत्सुक हैं। इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और डीएमआईसी के संयुक्त उपक्रम आईआईटीजीएनएल की तरफ से करीब 750 एकड़ में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई जा रही है। इसमें हायर इलेक्ट्रॉनिक्स, फोर्मे मोबाइल, सत्कृति इंफोटेनमेंट, चेनफेंग (एलईडी कंपनी) और जे वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। हायर कंपनी 3069 करोड़, फोर्मे मोबाइल 100 करोड़,  सत्कृति इंफोटेनमेंट 235 करोड़,  चेनफेंग (एलईडी) 206 करोड़ और जे वर्ल्ड इलेक्ट्रॉनिक्स 100 करोड़ रुपए का निवेश कर ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री लगाएंगी। इन पांच कंपनियों द्वारा ग्रेटर नोएडा में किए जाने वाले निवेश से 9225 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा।  

Comment here