नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राज्य की राजधानी में इमारत गिरने का संज्ञान लिया है। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि घायलों को अस्पताल पहुंचाया जाए और उचित इलाज मिले। उन्होंने कई अस्पतालों को अलर्ट पर रहने को भी कहा।
लखनऊ के वजीर हसन इलाके में मंगलवार को गिरी एक बहुमंजिला इमारत के मलबे से ग्यारह लोगों को बचाया गया है, यह नेपाल में आए भूकंप ( tremor) के बाद उत्तर भारत और लखनऊ के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) डीएस चौहान ने कहा, “प्रथम दृष्टया यह प्राकृतिक आपदा का मामला प्रतीत होता है। शायद 5.8 की तीव्रता वाला भूकंप (Earthquake) और इमारत का नदी की पट्टी में होना – जैसा कि गोमरी नदी पास में है – इस घटना का कारण हो सकता है। बेशक इमारत में कुछ निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन वे हल्के काम थे, कोई निर्माण मशीन नहीं थी।” उन्होंने कहा, “तो निर्माण कार्य कारण नहीं हो सकता था। क्या सब कुछ जांच का विषय है। संरचनात्मक विशेषज्ञ जांच करेंगे। जांच के बाद ही कुछ भी निर्णायक कहा जा सकता है। हम उम्मीद करते हैं कि बचाव कार्य कम से कम अगले 18 तक चलेगा।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की राजधानी में इमारत गिरने का संज्ञान लिया है। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि घायलों को अस्पताल पहुंचाया जाए और उचित इलाज मिले। उन्होंने कई अस्पतालों को अलर्ट पर रहने को भी कहा। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे और कहा कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास चल रहे हैं कि मलबे में फंसे सभी लोगों को बचा लिया जाए। 3 शव मिले हैं और अस्पताल भेजे गए हैं। एनडीआरएफ, दमकल कर्मी मौके पर मौजूद, बचाव अभियान चल रहा है। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, “सरकार को जान बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य में तेजी लानी चाहिए।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)