नई दिल्ली: ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद विवाद की सुनवाई कर रही वाराणसी जिला अदालत ने गुरुवार को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा और 7 अक्टूबर को सुनाया जाएगा। हिंदू पक्ष ने ‘शिवलिंग’ (Shivlinga) और ‘अर्घा’ की कार्बन डेटिंग की वैज्ञानिक जांच की मांग की, जिसका मस्जिद समिति द्वारा विरोध किया गया।
मीडिया से बात करते हुए, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने जांच का विरोध करते हुए कहा कि यह एक फव्वारा है न कि ‘शिवलिंग’।
अदालत ने पहले काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर प्रार्थना करने की अनुमति मांगने वाली हिंदू महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका को कानूनी रूप से वैध करार दिया था।
जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने मस्जिद समिति की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वादी के मुकदमे को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991, वक्फ अधिनियम, 1995 और यूपी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अधिनियम, 1983 द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)