उत्तर प्रदेश

सरकार बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान की ओर अग्रसर: सीएम योगी

लखनऊ: पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने निकले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दौरे के तीसरे दिन रविवार को हवाई सर्वेक्षण करते हुए गोरखपुर के बेलवार, कौड़ीराम व गोला पहुंचे। यहां बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी परेशानी जानी, समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया और राहत सामग्री बांटी। इस दौरान […]

लखनऊ: पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने निकले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दौरे के तीसरे दिन रविवार को हवाई सर्वेक्षण करते हुए गोरखपुर के बेलवार, कौड़ीराम व गोला पहुंचे। यहां बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी परेशानी जानी, समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया और राहत सामग्री बांटी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों को आश्वस्त किया कि सरकार बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान करने की ओर अग्रसर है। ड्रेजिंग कराकर नदियों को चैनलाइज किया जा रहा है। नदियां जहां आबादी के समीप आ गईं हैं वहां उन्हें डाइवर्ट किया जा रहा है। जरूरत के मुताबिक रिंग बांध व पिचिंग के कार्य भी हो रहे हैं। कई जगहों पर इन कार्यों के अच्छे परिणाम आए हैं। चाहे कुछ भी करना पड़े, सरकार जनता जनार्दन को कोई परेशानी नहीं होने देगी। समय पूर्व किए गए तटबंधों को सुरक्षित रखने के उपायों से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ने के बावजूद व्यापक जन व धन हानि को रोका गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपदा का समय है। सरकार जनता के साथ खड़ी है और बाढ़ से बचाव के सभी उपाय कर रही है। कोई खुद को असहाय न समझे। सबको धैर्य के साथ प्रशासनिक मशीनरी का सहयोग करते हुए योजनाओं से लाभान्वित होना है। सीएम ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भारी बारिश से पूर्वांचल के करीब 15 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। गोरखपुर में करीब 304 गांवों की 2.26 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। यहां 405 नाव और 50 स्टीमर लगाए गए हैं। 50 और स्टीमर और अतिरिक्त नाव की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की फ्लड यूनिट भी लगातार सक्रिय हैं। सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री का पर्याप्त इंतज़ाम किया गया है। बाढ़ का पानी अधिक दिन तक रह गया तो राहत सामग्री का फिर वितरण कराया जाएगा। संसाधन की कोई कमी नहीं है, हर पीड़ित तक राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी।

उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से कहा कि आपको जो राहत सामग्री दी जा रही है उसमें हर किट में 10-10 किलो चावल, दाल और आलू, 2 किलो अरहर दाल, रिफाइंड तेल, नमक, हल्दी, मिर्च, मसाले के पैकेट, लाई, चना, गुड़, मोमबत्ती, दियासलाई आदि के साथ ही छाता व बरसाती भी है। इसके अलावा पानी से घिरे लोगों को उनके दरवाजे पर ही भोजन पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं को भूसे-चारे का संकट न हो, इसके लिए भी प्रशासन व्यवस्था कर रहा है। बाढ़ के समय सांप व अन्य जहरीले जंतुओं तथा कुत्तों के द्वारा काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में प्बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सिन व एंटी स्नेक वेनम की व्यवस्था की गई है।

आपदा से हर नुकसान की भरपाई कर रही सरकार
सीएम योगी ने कहा कि सरकार इस आपदा में हर नुकसान की भरपाई कर रही है। आपदा में किसी की मृत्यु होने पर संबंधित के परिवार को चार लाख रुपये तत्काल आर्थिक सहायता देने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है। सांप या अन्य हिंसक-जहरीले जानवर के हमले में मृत्य पर भी यह मदद दी जाएगी। बाढ़ के चलते किसी किसान या बटाईदार की मृत्यु पर उसे तत्काल मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की बीमा से आच्छादित करने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है। इसी तरह यदि किसी व्यक्ति के पालतू पशु (गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी आदि) की बाढ़ के चलते मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए भी सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलेगी। बाढ़ के चलते जिनके पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उसके लिए भी सरकार 95 हजार रुपये तक अनुमन्य धनराशि देगी। यदि किसी का मकान कटान के चलते नदी में विलीन हो गया है तो सरकार उसे न केवल आवास के लिए भूमि का पट्टा देगी, बल्कि उसके लिए सीएम आवास योजना से आवास की भी व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने बाढ़ से पशुओं की मृत्यु पर पशुपालकों को आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया। साथ ही उन्होंने बाढ़ से बर्बाद फसलों की क्षतिपूर्ति का भी आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए सर्वेक्षण शुरू करा दिया गया है।

पर्वों का आनंद तभी, जब हम स्वस्थ रहें
सीएम योगी ने कहा कि आगामी पर्वों का आनंद हम तभी उठा सकते हैं जब हम स्वस्थ रहें। उन्होंने बताया कि बाढ़ के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है इसे देखते हुए आज से इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, हैजा आदि बीमारियों से बचाव के लिए स्वच्छता महाभियान शुरू किया गया है। हर क्षेत्र के लोग इसमें सहभागी बनकर स्वच्छता के प्रति जागरूक हों और बीमारियों को दूर भगाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के समय बीमारियों से बचने के लिए पानी उबालकर या उसमें क्लोरीन की गोली मिलाकर ही पीएं। सीएम ने कहा कि जैसे कोरोनाकाल में स्क्रीनिंग समितियों ने लोगों को जागरूक किया, संक्रमण का फैलाव रोकने में भूमिका निभाई, उसी तरह का प्रयास स्वच्छता महाभियान में भी होना चाहिए।

तरकुलानी रेगुलेटर से मिली बड़ी राहत
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के बेलवार में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करते हुए सीएम योगी ने हाल में उद्घाटित तरकुलानी रेगुलेटर की उपयोगिता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तरकुलानी रेगुलेटर से आसपास के लोगों को बड़ी राहत मिली है, नहीं तो बाढ़ का पानी बेलवार तक आ जाता।

बांसगांव में 16 करोड़ रुपये से हुए बाढ़ बचाव कार्य
बांसगांव विधानसभा क्षेत्र के कौड़ीराम स्थिति सर्वोदय इंटर कालेज में बाढ़ पीड़ितों के बीच सीएम योगी ने कहा कि इस विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ बचाव की परियोजनाओं के लिए 16 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई। इससे गगहा-रकहट-असवनपार तटबंध, असवनपार-डेहराघाट तटबंध, भौवापार-गोला तटबंध, कनइल-मझगांवां तटबंध, मलांव तटबंध को सुरक्षित कर बड़े पैमाने पर होने वाली जान व माल की हानि को रोका गया। सीएम ने कहा कि समय पूर्व ये उपाय नहीं होते तो राप्ती नदी के खतरे के निशान से ढाई मीटर तक बढ़ जाने पर पानी कौड़ीराम तक आ जाता।

गोला तहसील में 11 करोड़ की बाढ़ बचाव परियोजनाएं पूर्ण, और प्रयास जरूरी
गोला के वीएसएवी कॉलेज में बाढ़ पीड़ितों को हाल जानने के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गोल तहसील में 11 करोड़ रुपये की बाढ़ बचाव परियोजनाएं पूर्ण की गई हैं लेकिन अभी और प्रयास करने की जरूरत है। भविष्य की परियोजनाओं के लिए सिंचाई विभाग अभी से अवलोकन कर रहा है।

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