उत्तर प्रदेश

सरकार ने टीईटी अभ्‍यर्थियों के लिए सटीक कदम उठाया: राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद

लखनऊ: राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद ने 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में सरकार द्वारा उठाए गए कदम का स्‍वागत किया है। परिषद ने स्‍कूलों में शिक्षकों के रिक्‍त पदों पर भर्ती और इसके लिए राजस्‍व परिषद के चेयरमैन की अध्‍यक्षता में समिति गठित करने के फैसले का भी स्‍वागत किया है।  राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त […]

लखनऊ: राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद ने 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में सरकार द्वारा उठाए गए कदम का स्‍वागत किया है। परिषद ने स्‍कूलों में शिक्षकों के रिक्‍त पदों पर भर्ती और इसके लिए राजस्‍व परिषद के चेयरमैन की अध्‍यक्षता में समिति गठित करने के फैसले का भी स्‍वागत किया है। 

राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद के अध्‍यक्ष जे एन तिवारी ने कहा कि  बेसिक शिक्षा परिषद में भर्तियां कोर्ट के फैसले के अधीन हो रही है ।सरकार कोर्ट में पहले ही 69000 पदों को भरने का हलफनामा दे चुकी है। शेष बचे सभी खाली पदों पर निकट भविष्य में सरकार भर्ती करेगी। मुख्‍यमंत्री का यह निर्णय स्‍वागत योग्‍य है।

69000 पदों पर भर्ती मामले को लेकर टीईटी अभ्‍यर्थियों के संघर्ष को देखते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने  मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी दी थी। 20 जुलाई 2021 को  परिषद अध्‍यक्ष ने बेसिक शिक्षा मंत्री पत्र लिखकर आंदोलन का समाधान निकालने का रास्ता भी सुझाया था । 2 सितंबर को मुख्यमंत्री को भी परिषद ने पत्र लिखा था।

परिषद के अध्‍यक्ष ने कहा कि मुख्‍यमंत्री के इस फैसले से बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। उम्‍मीद है कि शीघ्र ही शिक्षक भर्ती के लिए गठित समिति अपना कार्य शुरू कर देगी।  शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा जुटाने और नए पद सृजन की जरूरतों की तलाश के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित  की गई है जिसके अध्यक्ष राजस्व परिषद के चेयरमैन मुकुल सिंघल  होंगे ।

जे एन तिवारी ने आंदोलन कर रहे टीईटी अभ्यर्थियों से चर्चा कर बताया कि सरकार ने मौजूदा परिस्थितियों में उनके लिए सटीक कदम उठाया है। उन्होंने आंदोलनकारियों से अपना आंदोलन स्थगित करने  की अपील भी की है। परिषद के अध्‍यक्ष ने कहा है कि अनावश्यक रूप से विभिन्न राजनीतिक पार्टियां आंदोलनकारियों के बीच जाकर अपनी राजनीति चमकाने और सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं। आंदोलनकारियों को तत्काल आंदोलन समाप्त कर सरकार के साथ सौहार्द का वातावरण बनाना चाहिए ताकि निकट भविष्य में समिति के सामने उनका पक्ष रखा जा सके। मुख्यमंत्री योगी के कार्यकाल में नियुक्तियों में सौ फीसदी पारदर्शिता बरती जा रही है। शिक्षक भर्ती में भी पूरी पारदर्शिता बरती गई है और आगे भी चयन पारदर्शिता के आधार पर ही किया जाएगा । आंदोलनकारी शिक्षकों को राजनीतिक पार्टियों का चक्कर छोड़ कर सरकार के साथ सौहार्द का वातावरण बनाना होगा ताकि प्रशिक्षित शिक्षकों को अति शीघ्र रोजगार मिल सके। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष नारायण दुबे,ओम प्रकाश पांडे, विजय श्याम तिवारी, उमा नाथ तिवारी,  एपी दीक्षित ,महामंत्री निरंजन कुमार श्रीवास्तव, सांस्कृतिक मंत्री कविता सिंह राजपूत, कुसुम लता यादव ने भी सरकार के कदम का स्‍वागत करते हुए खुशी व्‍यक्‍त की है।

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