नई दिल्लीः बृजेश कुमार प्रजापति (Brijesh Kumar Prajapati) ने 2018 के एक मामले में एमपीएमएलए अदालत में न्यायाधीश गरिमा सिंह के सामने आत्मसमर्पण किया था, जिसमें उन पर खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह से मारपीट करने, धमकी देने और पैसे निकालने का आरोप है।
इस मामले में शहर कोतवाली में पूर्व विधायक पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 342, 353, 504, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया।
खनन अधिकारी द्वारा आरोप लगाया गया था कि बृजेश कुमार प्रजापति, जो उस समय भाजपा विधायक थे। उन्होंने उन्हें सर्किट हाउस में बुलाया, जहां उन्हें बंदी बनाया गया था, जान से मारने की धमकी दी गई थी और मारपीट की गई थी। उन्होंने प्रजापति पर उनसे 25 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का भी आरोप लगाया था।
बता दें कि शैलेंद्र सिंह ने कैद से छूटने के बाद शिकायत दर्ज कराई थी। प्रजापति के अलावा उनके सहयोगी देवेंद्र प्रजापति पप्पू, मनोज प्रजापति नीलू, लवकेश और कुलदीप को भी जेल भेज दिया गया।
बांदा के पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने कहा, कि मामला 2018 का है जिसमें आरोपपत्र दाखिल किया गया है। मामले की सुनवाई चल रही है जिसमें सोमवार को सभी पांचों लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
बृजेश प्रजापति ने चुनाव से पहले भाजपा छोड़ दी थी और सपा में शामिल हो गए थे, लेकिन वे हाल के विधानसभा चुनाव हार गए थे।