उत्तर प्रदेश

सीएम योगी देंगे लखनऊवासियों को तोहफा, 31 जुलाई से दूर होगा बिजली संकट

लखनऊ: भीषण गर्मी के चलते प्रदेश में बिजली की डिमांड बहुत बढ़ गई है। वितरण और ट्रांसमिशन प्रणाली की खामियों से ट्रिपिंग, ट्रांसफार्मरों के फूंकने व अन्य तकनीकी खामियों से बिजली की आंख-मिचौली उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। लो-वोल्टेज भी एक बड़ी समस्या है। जनता परेशान है। इस पर संज्ञान लेते हुए […]

लखनऊ: भीषण गर्मी के चलते प्रदेश में बिजली की डिमांड बहुत बढ़ गई है। वितरण और ट्रांसमिशन प्रणाली की खामियों से ट्रिपिंग, ट्रांसफार्मरों के फूंकने व अन्य तकनीकी खामियों से बिजली की आंख-मिचौली उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। लो-वोल्टेज भी एक बड़ी समस्या है। जनता परेशान है। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजधानी लखनऊ के बिजली संकट को दूर करने के लिए राजधानीवासियों को तोहफा देने वाले हैं। 31 जुलाई को लखनऊ में दूसरे बड़े 400 केवी ट्रांसमिशन उपकेंद्र का लोकार्पण करेंगे। काकोरी के जेहटा में इसका निर्माण पूरा हो चुका है। इस ट्रांसमिशन के शुरू होने से करीब दो लाख लोगों को राहत मिलेगी।

सीएम योगी ने निर्बाध बिजली आपूर्ति के आदेश के साथ चेताया है कि, किसी भी जिले से अनावश्यक बिजली कटौती की सूचना मिलने पर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बिजली व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने और खासकर किसानों, उद्यमियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति देने को कहा गया है। साथ ही रोजाना समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों को जर्जर तारों, पोल आदि को ठीक कराने का कार्य युद्धस्तर पर कराने को कहा है।

यूपी में बिजली की मांग करीब 24,000 मेगावाट बनी हुई है। बिजली की मांग पूरा करने के लिए एनर्जी एक्सचेंज से भी करीब 2600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीदी जा रही है। दिन में तो ठीक है पर रात में आपात कटौती करनी पड़ रही है। ज्यादा लोड होने की वजह से ट्रिपिंग की समस्या बनी हुई है। राज्य सरकार नए बिजली उपकेंद्रों के विकास व उनकी क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

उप्र पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम.देवराज ने विद्युत वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों को कड़े निर्देश जारी करते हुए कहाकि, अधिकारी नाइट पेट्रोलि‍ंग करें और विद्युत चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। सभी प्रबंध निदेशक सुनिश्चित करें कि निश्चित शेड्यूल के तहत बिजली आपूर्ति हो। फील्ड के अधिकारी व कर्मचारी अपने मोबाइल चालू रखें, जिससे शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही हो सके।

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