नई दिल्ली: वाराणसी के जिला न्यायाधीश की अदालत ने बुधवार को एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पिछले महीने अदालत द्वारा अनिवार्य सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के पवित्र तालाब में कथित तौर पर पाए गए शिवलिंग (Shivling) की पूजा करने की अनुमति दी गई थी।
जिला सरकार के वकील (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडे ने श्रृंगार गौरी मामले की सुनवाई कर रहे जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश के हवाले से कहा कि याचिका “अत्यावश्यक प्रकृति की नहीं” थी, इस तथ्य को देखते हुए कि प्राथमिक विवाद अभी भी सुलझाया जाना है। अदालत ने कहा कि संत जुलाई में नई याचिका दायर कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्योतिष और शारदा पीठ के स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निर्देश पर 4 जून से अपना आमरण अनशन समाप्त करने के तुरंत बाद यह आदेश दिया। ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद में शिवलिंग पर पूजा-अर्चना करने से रोके जाने के बाद उन्होंने वाराणसी के श्री विद्या मठ में भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “हम शिवलिंग की पूजा की याचिका पर विचार नहीं करने के अदालत के फैसले का विरोध करेंगे और आदि विशेश्वर को समर्पित एक भव्य मंदिर के निर्माण के लिए लोगों का समर्थन जुटाने के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू करेंगे।”
सोमवार को जिला जज की अदालत में शुरुआती सुनवाई हुई।
(एजेंसी इनपुट के साथ)