लखनऊ: मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इस एक्सप्रेस-वे काम 69 फीसदी पूरा हो गया है। दिसंबर तक मुख्य कैरेज-वे का काम पूरा हो जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे चित्रकूट के भरतकूप के पास से शुरू होकर बांदा, हमीरपुर, महोबा और औरैया होते हुए इटावा के कुदरैल गांव के पास आगरा एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा। इससे बुंदेलखंड से देश की राजधानी दिल्ली तक आने-जाने में समय और संसाधनों की बचत होगी। डीजल और पेट्रोल की खपत घटने से प्रदूषण भी घटेगा।
बुंदेलखंड का शुमार प्रदेश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में होता है। नीति आयोग ने कायाकल्प के लिए प्रदेश के जिन आठ जिलों को चुना है उनमें चित्रकूट भी एक है। संयोग से चित्रकूट से ही एक्सप्रेसवे की शुरुआत भी हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार यह कह चुके हैं कि शौर्य, संस्कार और परंपरा की धरती बुंदेलखंड आने वाले समय में उप्र का स्वर्ग होगी। इसमें प्रस्तावित ‘डिफेंस कॉरीडोर’ और ‘पूर्वांचल एक्सप्रेस वे’ की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। डिफेंस कॉरीडोर में देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लखनऊ में डिफेंस एक्सपो-2020 का सफलतम आयोजन किया गया था। इसके तुरंत बाद बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के शिलान्यास और जलजीवन मिशन से बुंदेलखंड के विकास के प्रति केंद्र और प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता साबित हो रही है। इन परियोजनाओं पूरा होने पर सबका साथ, सबका विकास और सबके भरोसे के भाजपा के नारे को चरितार्थ करेंगी।
कृषि, वाणिज्य, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
यूपी के सबसे पिछड़े कहे जाने वाले बुंदेलखंड की लाइफलाइन साबित होगा यह एक्सप्रेस वे।
आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे से जुडऩे के कारण यहां के लोगों के लिए दिल्ली तक सफर सुगम हो जाएगा। परियोजना से आच्छादित क्षेत्रोंमें में कृषि, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। योगी सरकार की मंशा हर एक्सप्रेसवे के किनारे औद्यौगिक गलियारा बनाने की है। इनमें स्थापित होने वाले शिक्षण संस्थान और उत्पादन इकाइयों के नाते स्थानीय स्तर पर रोजी रोजगार के अवसर बढ़ेगें। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को चित्रकूट से इसका शिलान्यास किया था।
पिछले दिनों यूपीडा के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अवनीश कुमार अवस्थी ने बुंदेलखण्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के प्रगति की वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिए समीक्षा बैठक भी की। इसमें यूपीडा के साथ निर्माण कम्पनियों के भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
उन्होंने निर्देश दिए कि आरओबी,आरई पैनल, स्ट्रक्चर्स, टोल प्लाजा निर्माण बचे यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्यो में तेजी लाएं। जो भी काम हो रहे हैं वे पूरी गुणवत्ता के हों। इसके लिए टेक्निकल ऑडीटर, अथॉरिटी इंजीनियर एवं पीआईयू को गुणवत्ता की जांच लगातार करने के भी निर्देश दिए।
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