लखनऊ: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से सिर्फ वाहनों को रफ्तार नहीं मिलेगी बल्कि जीवन की गाड़ी भी तेजी से दौड़ेगी। एक्सप्रेसवे बनने से बुंदेलखंड विकास की मुख्यधारा में होगा। क्षेत्र में निवेश करने को उद्यमी आकर्षित होंगे। दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारा बनेगा। अब तक पिछड़े रहे बुंदेलखंड में बेरोजगारी की समस्या भी खत्म होगी। युवा अपने बड़े बुजुर्गों को छोड़कर महानगरों को पलायन नहीं करेंगे।आने वाला समय बुंदेलखंड के लिए सुखद होगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन व औद्योगिक विकास की राह खुलेगी। एक्सप्रेस-वे सरकार के रक्षा औद्योगिक गलियारे (डिफेंस कारीडोर) को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। तो बुंदेलखंड के चित्रकूट, बांदा, महोबा, झांसी के पर्यटन स्थलों को नई ऊर्जा मिलेगी। देशी और विदेशी सैलानियों का आमद बढ़ेगी। एक्सप्रेस-वे के किनारे होटल, रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप आदि संचालित होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। किसान अपनी उपज आसानी से दूसरे महानगरों में जाकर बेच सकेंगे।
उद्योगपतियों को इंडस्ट्री लगाने में होगी आसानी : बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चालू होने से दिल्ली तक के उद्योगपतियों को यहां इंडस्ट्री लगाने में आसानी होगी। वे पांच घंटे में यहां पहुंच जाएंगे। इसके अलावा देश के अन्य कोने से भी लोग इंडस्ट्री लगाने के लिए आएंगे। उन्हें जमीन अब एक्सप्रेस-वे के किनारे प्राप्त हो जाएगी।
डिफेंस कारिडोर को मिलेगी गति : देश में दो डिफेंस कारिडोर बनने हैं। एक कारिडोर उत्तर प्रदेश और दूसरा चेन्नई से बेंगलुरू के बीच बनाया जाना है। प्रदेश में यह कारिडोर अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर व लखनऊ में बनेगा, जिसके लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। चित्रकूट में भी इसके लिए सौ एकड से अधिक जमीन पहाड़ी के बक्टा में ली गई है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के शुरू होने से इसको भी गति मिलेगी।
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, कालेज एवं विश्वविद्यालय, पेशेवर संस्थान, मेडिकल संस्थानों के खुलने की संभावना
नए साल में बुंदेलखंडी भरने लगेंगे फर्राटादार सफर : बांदा : नया साल बुंदेलखंड के लिए एक ऐसी सौगात लेकर आ रहा है जो यहां के पिछड़ेपन को मिटाने में मील का पत्थर साबित हो सकेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इसी साल के अंत में शुरू हो जाएगा। इससे जहां आगरा से लेकर दिल्ली तक का सफर आसान होगा वहीं औद्योगिक व पर्यटन क्षेत्र के विकास को उड़ान मिलेगी। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इसी साल दिसंबर में पूरा हो जाएगा। इसके शुरू होने के बाद बुंदेलखंड को औद्योगिक व पर्यटन विकास को आगे बढ़ाने में खासी मदद मिलेगी। इसके किनारे खुलने वाले होटल, रेस्टोरेंट बुंदेलियों के रोजगार का जरिया बनेंगे वहीं दूर-दूर से सैलानी यहां के धार्मिक व एतिहासिक स्थलों का अवलोकन करने आएंगे, जिससे लोगों की आमदनी में इजाफा होगा। जिले में काङ्क्षलजर प्रमुख धार्मिक व एतिहासिक महत्व का स्थल है। केन नदी के बीचोबीच स्थित रनगढ़ का किला, सिद्धपीठ मां ङ्क्षवध्यवासिनी देवी का मंदिर, भूरागढ़ दुर्ग यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। जो बाहरी श्रद्धालुओं, सैलानियों को लुभाएंगे। जानकारों का कहना है कि कृषि विकास में भी एक्सप्रेस वे सहायक होगा। यह इलाका दलहनी, तिलहनी फसलों की पैदावार का प्रमुख गढ़ है। यहां की दालें देश के विभिन्न हिस्सों तक जाती हैं। पैदावार की अच्छी कीमत के लिए अच्छा बाजार मिलना चाहिए। यहां बहुत से किसानों सामने यह भी एक समस्या है, लेकिन एक्सप्रेस वे शुरू होने के बाद यह समस्या भी मिट जाएगी।
उद्योग स्थापित करने को और सुलभ होगा सुमेरपुर औद्योगिक क्षेत्र : हमीरपुर : बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे निर्माण से जिले का सुमेरपुर कस्बा स्थित औद्योगिक क्षेत्र उद्योग स्थापित करने को लेकर और सुलभ होगा। यहां रेलवे लाइन उपलब्धता के बाद दिल्ली, आगरा, नोयडा व ग्रेटर नोयडा आदि औद्योगिक क्षेत्रों में आवागमन एक्सप्रेस-वे से और आसान होगा। सुमेरपुर औद्योगिक क्षेत्र से करीब 30 किमी दूर नेशनल हाईवे जिले की सीमा में खन्ना के निकट एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा। ऐसे में सुमेरपुर औद्योगिक क्षेत्र उद्योग पतियों की पसंद बन सकता है। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। लोगों का यहां पलायन भी रुकेगा। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे किनारे लोग होटल रेस्टोरेंट आदि स्थापित होने से भी रोजगार बढ़ेगा। अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ाने को शासन स्तर से योजना तैयार की जा रही है, इसके लिए जिले से एक्सप्रेस-वे को जोडऩे वाली सड़कों के चौराहा, तिराहे आदि की सूचना मांगी गई थी।
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