लखनऊ: उत्तर प्रदेश को देश के सबसे बड़े तथा उन्नत रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने को लेकर अब यूपी के डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में तेजी आ गई है। रक्षा क्षेत्र में कार्यरत देशी और विदेशी कंपनियों ने सूबे के इस पहले डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में निवेश करने की पहल तो की ही है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ एवं एमडी सुधीर कुमार मिश्र ने यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इस संबंध में सुधीर कुमार मिश्र मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने आए। मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के दौरान उन्होंने डिफेंस कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल बनाए जाने संबंधी योजना के बताया। इस मुलाकात में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए लखनऊ नोड में 200 एकड़ भूमि आवंटित किए जाने पर सहमति हो गई।
ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती। ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है। लखनऊ नोड में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के लिए आंवटित होने वाली भूमि पर 300 करोड़ निवेश कर जो ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर बनेगा, उसमें करीब पांच सौ इंजीनियर तथा टेक्नीकल लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। इसके अलावा करीब पांच हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा और 10 हजार लोगों को इस प्रोडक्शन सेंटर से काम मिलेगा। ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर बनाने का कार्य जल्दी ही शुरू होगा। इन सेंटर में रिसर्च और डेवलपमेंट का कार्य भी होगा। 100 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइल अगले तीन वर्षों में बनाए जाने की योजना है। ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर के चलते अब यूपी डिफेंस कॉरिडोर में डिफेंस सेक्टर में कार्य करने वाले कई अन्य नामी कंपनियां राज्य में आएंगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2018 में इंवेस्टर्स समिट के दौरान यूपी में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी। तब यह ऐलान हुआ था कि प्रदेश सरकार लखनऊ, कानपुर, चित्रकूट, झांसी, आगरा, और अलीगढ़ नोड में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित कर रही है। फरवरी 2020 को लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो के दौरान रक्षा उत्पाद से जुड़ी देशी और विदेशी कंपनियों ने कॉरिडोर में निवेश के लिए 50 हजार करोड़ के एमओयू किए थे। सबसे अधिक एमओयू अलीगढ़ में खैर रोड पर अंडला में बनाए जा रहे कॉरिडोर के लिए हुए हैं। इसके बाद लखनऊ नोड में कंपनियों ने निवेश करने में रूचि दिखाई है। एपीडा के अधिकारियों के अनुसार अलीगढ़ नोड में फैक्ट्री लगाने के लिए 29 कंपनियों ने अपने प्रपोजल सरकार को सौंपे और फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया। इसी प्रकार लखनऊ नोड में 11, झांसी नोड में छह, कानपुर नोड में आठ कंपनियों ने फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। यूपीडा ने विभिन्न कंपनियों से मिले प्रस्तावों पर कार्रवाई करते हुए अलीगढ़ नोड में 19 अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को 55.4 हेक्टेयर भूमि अब तक आवंटित की है। इसी प्रकार कानपुर नोड में दो कंपनियों को चार एकड़ तथा झांसी में एक कंपनी को 15 एकड़ भूमि आंवटित की गई है। जबकि लखनऊ नोड में 200 एकड़ भूमि ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर बनाने के लिए देने पर सहमति हो गई है।
बीते तीन वर्षों में यूपी के डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में जिसके तहत 65 बड़ी कंपनियों ने अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में सरकार से जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया है, इनमें से 19 बड़ी कंपनियों को बीते दिनों उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने 55.4 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी हैं। अलीगढ़ नोड में डिफेंस सेक्टर से जुडी जिन 19 कंपनियों को भूमि आवंटित हुई है, उनमें ड्रोन बनाने के लिए दो कंपनियां 581 करोड़ रुपए का निवेश कर रही हैं। इनमें एक कंपनी एंकर रिसर्च लैब एलएलपी और दूसरी एलन एंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड है। एंकर रिसर्च लैब एलएलपी अलीगढ़ नोड में 550 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। कंपनी को यूपीडा ने 10 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। इसी प्रकार सडिकेट इनोवेशन इंटरनेशनल को भी 10 हेक्टेयर भूमि आंवटित की गई हैं, यह कंपनी 150 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। 100 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली जय साई अनु ओवरसीज को 4.5 हेक्टेयर भूमि, 98.25 करोड़ रुपए का निवेश कर रही मिल्कर डिफेंस प्रा.लि. को चार हेक्टेयर भूमि तथा 40 करोड़ का निवेश कर रही ट्रैकट्रिक्स आप्टो डायनामिक को दो हेक्टेयर भूमि आंवटित कर दी गई है। इसके अलावा नित्य क्रिएशन इंडिया, पीबीएम इंसोलेशन प्रा.लि., दीप एक्सप्लो इक्विपमेंट प्रा.लि., वेरीविन डिफेंस प्रा.लि., एडवांस फायर एंड सेफ्टी , ट्रैकट्रिक्स आप्टो डायनामिक, क्रिमसन एनर्जी एक्सपोर्ट, पी-2 लाजिटेक तथा कोबरा इंडस्ट्रीज को भी फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है। जल्दी ही उक्त कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगाने की कारवाई शुरू करेंगी। अलीगढ़ नोड की ये 19 कंपनियां 1245 करोड़ रुपए का निवेश करते हुए हजारों लोगों को रोजगार देगी। डिफेंस कॉरिडोर में अलीगढ़, कानपुर, झांसी और लखनऊ नोड में हुए इन निवेश से प्रदेश रक्षा उत्पाद निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से बढ़ेगा।
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